सॉवरेन गोल्ड बांड से 6 सालों में निवेशकों को मिला 80 पर्सेंट का फायदा

मुंबई-सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम से निवेशकों को पिछले 6 सालों में 80 पर्सेंट का फायदा मिला है। 5 साल पहले इस स्कीम में प्रति ग्राम सोने का भाव 2,600 रुपए था जो अब 4,800 रुपए के ऊपर है। सरकार ने इससे 6 सालों में 31,290 करोड़ रुपए जुटाया है। इसकी हर स्कीम में 50 रुपए प्रति ग्राम डिस्काउंट मिलता है। 

इस स्कीम को साल 2015 में लांच किया गया था। इस साल की पांचवीं सीरीज भी निवेश के लिए सोमवार से खुली है और 17 अगस्त को बंद होगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस स्कीम के पीछे एक अल्टरनेट फाइनेंशियल असेट को डेवलप करना है। लोग फिजिकल सोने की बजाय यहां भी सोने को खरीद और बेच सकें।  

दरअसल इस स्कीम का भाव सोने की वर्तमान कीमत के आधार पर तय की जाती है। सरकार ने 31 जुलाई 2016 को इसके उस साल की चौथी सीरीज में 919 करोड़ रुपए जुटाया था। उससे पहले की तीन सीरीज में 1,318 करोड़ रुपए जुटाया था। उससे पहले दूसरी सीरीज में सबसे ज्यादा 746 करोड़ रुपए जुटाया गया था। उस समय प्रति ग्राम की कीमत 2,600 रुपए तय की गई थी।  

इस बार की सीरीज के लिए प्रति ग्राम की कीमत 4,790 रुपए तय की गई है। इस गोल्ड बांड स्कीम में पांचवें साल से निवेशक अपने पैसे निकाल सकते हैं। हालांकि इसकी मैच्योरिटी 8 साल की रखी गई है। 2015-16 में गोल्ड बांड स्कीम के पहले चरण में 2,684 रुपए प्रति ग्राम भाव तय किया गया था। अगर किसी ने इसे मई 2021 में निकाल लिया होगा तो उसे 80% का रिटर्न मिला होगा। क्योंकि उस समय इसका भाव 4,837 रुपए प्रति ग्राम था। मई 2021 में इस बांड की कीमत 4,837 रुपए प्रति ग्राम थी।  

2016-17 की चौथी सीरीज में इस बांड की कीमत 3,119 रुपए तय की गई थी। उस समय इसमें 1.95 लाख एप्लिकेशन आया था। उसमें निवेशकों द्वारा 2.95 टन सोने की डिमांड की गई थी। उससे पहले की जो तीन सीरीज थी, उसमें 4.9 टन सोने के लिए डिमांड आई थी। 2016-17 में सरकार को इससे कुल 3,451 करोड़ रुपए मिले थे।  

पिछले साल नवंबर में जो गोल्ड बांड की सीरीज लांच की गई थी, उसकी प्रति ग्राम कीमत सरकार ने 5,177 रुपए तय किया था। यह सबसे महंगे बांड्स में से एक था। 2018-19 में सरकार ने अंतिम सीरीज के बांड के लिए 3,119 रुपए की प्रति ग्राम कीमत तय की थी। वह उस वित्त वर्ष की चौथी सीरीज थी।  

इस बांड्स में व्यक्तिगत निवेश की सीमा हर वित्त वर्ष में 4 किलो ग्राम सोने की है। जबकि ट्रस्ट और इस तरह के संस्थान के लिए यह सीमा 20 किलो ग्राम सोने की है। इस बांड्स पर ब्याज का पेमेंट छमाही आधार पर होता है जो 2.5% सालाना के आधार पर हर ग्राम पर दिया जाता है। जबकि 2016-17 में इस पर 2.75% का ब्याज दिया जाता था। बांड्स पर दिया जाने वाला ब्याज इनकम टैक्स एक्ट के तहत टैक्स के दायरे में आता है। यानी आपको इसकी ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भी देना होगा।  

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