वोडाफोन आइडिया फेल हुई तो सरकार को 1.60 लाख करोड़ रुपए का घाटा होगा
मुंबई- वोडाफोन आइडिया अगर बंद हो गई तो सरकार को इससे 1.60 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। वोडाफोन आइडिया पर कुल 1.80 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। वोडाफोन आइडिया में बिरला ग्रुप की 27.66% हिस्सेदारी है जबकि यूके की वोडाफोन की 44.39%हिस्सेदारी है। बाकी की हिस्सेदारी जनता के पास है।
वोडाफोन आइडिया पर बैंकों का कुल 35 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर (NCD) का 7,500 करोड़ रुपए का कर्ज है। यह इसी वित्त वर्ष में मैच्योर होगा और निवेशकों को पैसा देना होगा। सरकार का जो बकाया वोडाफोन आइडिया पर है, उसमें 96,300 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का पेमेंट है। 61,000 करोड़ रुपए का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) है। इसके अलावा बैंकों का 23,100 करोड़ रुपए बकाया है। मार्च तक वोडाफोन आइडिया के पास केवल 350 करोड़ रुपए का कैश बैलेंस था।
वोडाफोन आइडिया पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का 11 हजार करोड़ रुपए का बकाया है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का 3 हजार करोड़ रुपए है। निजी बैंकों में यस बैंक का 4 हजार करोड़ रुपए, IDFC फर्स्ट बैंक का 3,240 करोड़ रुपए और इंडसइंड बैंक का 3,500 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। बैंकों का कहना है कि वे इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक वोडाफोन आइडिया की ओर से ऐसा कुछ नहीं आया है जिससे उनको अतिरिक्त पैसे का प्रोविजन करना पड़े।
वोडाफोन पर कुल कर्ज का 70% कर्ज सरकारी बैंकों का है। वोडाफोन को लगातार झटका लग रहा है। एक तो इसके ग्राहक घट कर 26.8 करोड़ पर आ गए हैं। 2018 में इसके 40 करोड़ ग्राहक थे। यानी 3 सालों में इसके 13.20 करोड़ ग्राहक घट गए हैं। दूसरे चौथी तिमाही में इसकी प्रति ग्राहक कमाई 12% घट कर 107 रुपए हो गई है। जियो की कमाई 138 और एयरटेल की 145 रुपए प्रति ग्राहक है।
वोडाफोन को मार्च तिमाही में 7 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी लगातार 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश कर रही है। पर इसका घाटा और ग्राहकों की घट रही संख्या से निवेशक इसमें पैसे लगाने से कतरा रहे हैं। पिछले दिनों कंपनी का शेयर 24% तक गिर गया था। हालांकि सरकार द्वारा रेट्रो टैक्स वापस लेने से दो दिनों में शेयरों में 44% की बढ़त हुई थी।

