कोविड के कारण मुंबई में अटके रियल्टी प्रोजेक्ट हो रहे हैं पूरा, मिलेगी राहत
मुंबई– कोविड अब रियल्टी के लिए बड़ी दिक्कत बन चुका है। देश के टॉप 7 शहरों में लगभग साढ़े छह लाख मकानों (फ्लैट) का निर्माण कार्य लंबे समय से चल रहा है या वे पूरी तरह अटक गए हैं। हालांकि मुंबई के लिए यह राहत की बात है। यहां अटके प्रोजेक्ट पूरे हो रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 बड़े शहरों में 6,29,000 फ्लैट का निर्माण अटका हुआ है या सुस्त है और इनमें लगभग 71% फ्लैट 80 लाख रुपए या कम के हैं। इन मकानों में 28% मकान प्रीमियम जबकि बाकी लग्जरी सेगमेंट के हैं।
2014 या उससे पहले लॉन्च हुए प्रोजेक्ट में कुल 5.05 लाख करोड़ रुपए के फ्लैट का निर्माण कार्य अटका हुआ है या सुस्त चल रहा है। इनमें से लगभग 28% यानी 1,73,730 फ्लैट पूरी तरह से अटक गए हैं। टॉप 7 शहरों में कुल प्रभावित फ्लैट में से 28% मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में हैं, जिनकी कीमत 1,52,105 करोड़ रुपए है। पुणे में लगभग 8% मकान अटके हैं जिनकी कीमत 29,390 करोड़ रुपए है।
हैदराबाद, बेंगलुरू और चेन्नई में 56,420 करोड़ रुपए के ऐसे 11% मकान हैं। यहां थोड़ा कम अटके प्रोजेक्ट हैं। इनमें से चेन्नई में तो सिर्फ दो पर्सेंट मकान फंसे हैं। सबसे बुरी हालत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की है, जहां 52% मकान अटके हैं या उनके निर्माण में देरी हो रही है। इनमें 2,49,540 करोड़ रुपए की रकम फंसी हुई है। कोलकाता में लगभग 5% मकान फंसे हैं जिनकी कीमत 17,960 करोड़ रुपए है।