IFC और HDFC मिलकर कम इनकम वालों के लिए सस्ते ग्रीन हाउसिंग फाइनेंस को प्रमोट करेंगे

मुंबई– आईएफसी और एचडीएफसी लिमिटेड मिलकर कम और मध्यम इनकम वालों के लिए सस्ते ग्रीन हाउसिंग फाइनेंस को प्रमोट करेंगे। इससे कम और मध्यम इनकम वाले लोग अपने खुद के घर के साथ उसमें सुधार भी कर सकते हैं। इससे देश में सस्ते हाउसिंग फाइनेंस को रफ्तार मिलेगी।  

आईएफसी 25 करोड़ डॉलर का लोन एचडीएफसी लिमिटेड को देगा। एचडीएफसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी हाउसिंग कंपनी है। यह इस लोन से सस्ते हाउसिंग और उभरते हुए ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग पोर्टफोलियो को विकसित करेगी। इस तरह के हाउसिंग कम इनकम वालों के लिए होंगे। सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल को लक्ष्य को इससे पूरा करने में मदद मिलेगी।  

कम से कम 25 पर्सेंट फाइनेंसिंग ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए होगा जिससे भारत में बाजार को उत्साह प्रदान करने में मदद मिलेगी। आईएफसी नजरिए में बदलाव लाकर ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग को एचडीएफसी के साथ भागीदारी कर प्रमोट करना चाहती है। एचडीएफसी लिमिटेड की एमडी रेणू सुद कर्नाड ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के हाउसिंग फॉर ऑल के विजन को लेकर चलते हैँ। खासकर सस्ते घरों को प्रमोट करते हैं।   

उन्होंने कहा कि ईएसजी को हम बढ़ावा देते हैं। इस भागीदारी से आईएफसी अफोर्डेबल और ग्रीन हाउसिंग दोनों को कवर करेगी। यह अनुमान है कि देश की कुल आबादी का 22 पर्सेंट या 27.5 करोड़ लोगों के पास घर नहीं है। तेजी से बढ़ते शहरीकरण और सस्ते घरों के फाइनेंस में कमी से ऐसा है। हाल के एक अनुमान के मुताबिक, अर्बन हाउसिंग में 2.9 करोड़ घरों की कमी 2018 तक थी। 2012 की तुलना में इसमें 54 पर्सेंट की तेजी आई है।  

ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग भारत को पेरिस के साथ एग्रीमेंट को पूरा करने में मदद कर सकता है। इससे कार्बन उत्सर्जन 2030 तक घटाने में मदद मिलेगी। ग्रीन और एनर्जी एफिसिएंट हाउसिंग से उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। एचडीएफसी के साथ इस भागीदारी से कई फायदे देश को होंगे। आईएफसी का अनुमान है कि 1.25 लाख करोड़ डॉलर के निवेश का अवसर ग्रीन रेसिडेंशियल हाउसिंग में भारत में 2030 तक होगा।   

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