कोविड की दूसरी लहर के बाद कारोबारी गतिविधियां शुरू होने लगी हैं
मुंबई– घरेलू शेयर बाजार ने इस साल चले तेजी के लंबे दौर में नई ऊंचाइयों को छुआ। ऐसे में कंपनियों के वित्तीय नतीजे कमजोर रहे, तो निवेशकों को बड़ी निराशा हाथ लगेगी। यह बात इक्विटी बाजार के विश्लेषक संजय मुकीम ने कही है। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के बाद कारोबारी गतिविधियां शुरू होने लगी हैं। ऐसे में जोखिम इस बात का है कि कहीं कंपनियों की आमदनी को लेकर ब्रोकरेज फर्मों की आमराय असलियत से ज्यादा हो।
मुकीम के मुताबिक, ‘इंडियन स्टॉक मार्केट का वैल्यूएशन कंपनियों की आमदनी से ज्यादा लग रहा है। लोग मानकर चल रहे हैं कि आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने से इकोनॉमी ग्रोथ की पटरी पर सरपट दौड़ने लगेगी। लेकिन हमारे हिसाब से कोविड पर रोकथाम के लिए लगाया गया लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी इकोनॉमिक ग्रोथ तेज नहीं होगी।’
इकोनॉमी ग्रोथ रेट ऊंचा रहने की उम्मीदों और RBI के राहत के उपायों के चलते भारतीय शेयर बाजार में जारी तेजी के दौर ने इसका वैल्यूएशन काफी बढ़ा दिया है। ऐसे में अगर कंपनियों के वित्तीय नतीजे उम्मीदों से थोड़े भी कमजोर रहे तो शेयर बाजार की सेहत पर उसका गहरा असर होगा।
RBI ने इस वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.5% रहने का अनुमान दिया है। कोविड के चलते आर्थिक गतिविधियां थम जाने से पिछले वित्त वर्ष GDP में 7.3% की गिरावट आई थी। पिछले हफ्ते ही ऑल टाइम हाई पर गया निफ्टी इस साल लगभग 13% और सेंसेक्स 10% चढ़ा है, जबकि MSCI एशिया पैसेफिक इंडेक्स सिर्फ 3.1% ऊपर आया है।
फिलहाल निफ्टी कंपनियों में अगले 12 महीनों की अनुमानित आमदनी के 20.8 गुना पर कारोबार हो रहा है। यह 18 गुना के उसके पांच साल के औसत वैल्यूएशन से खासा ज्यादा है। ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, इस दौरान उनकी आमदनी में लगभग 44% की बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मुकीम ने इस साल अंत तक के लिए निफ्टी का 15,500 का टारगेट दिया है। इस हिसाब से वह मौजूदा लेवल से लगभग 2% नीचे जा सकता है। मुकीम ने इसी महीने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘आर्थिक गतिविधियां नवंबर-दिसंबर या इससे पहले सामान्य हुईं और कंपनियों की सेल्स ग्रोथ पहले के अनुमान जितनी नहीं रही तो वैल्यूएशन वाजिब लेवल पर आने लगेगा।’
मुकीम के बयान तब आए हैं जब शेयर बाजार में छोटे निवेशकों का जोश उबाल मार रहा है। निफ्ट के मिड कैप 100 इंडेक्स में इस साल अब तक 32% का उछाल आया है। इसके मुकाबले निफ्टी का स्मॉल कैप इंडेक्स 43% उछला है। मुकीम के मुताबिक बहुत सी मिड कैप कंपनियों को ज्यादा भाव मिल रहा है क्योंकि उसके हिसाब से आमदनी नहीं है।