ICICI प्रूडेंशियल के ग्लोबल एडवांटेज फंड के जरिए अमेरिका, जापान, हांगकांग सहित कई बाजारों में निवेश का मौका

मुंबई– देश के जो छोटे या रिटेल निवेशक हैं, उनको विदेशी बाजारों में डायरेक्ट निवेश करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे निवेशकों के लिए एक ही फंड के जरिए तमाम बाजारों में निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाना चाहिए। आपको ऐसे सेक्टर में निवेश करने का मौका मिलेगा, जो भारत में अभी तक लिस्टेड नहीं हैं।  

देश की लीडिंग म्यूचुअल फंड कंपनी ICICI प्रूडेंशियल के ग्लोबल एडवांटेज फंड के जरिए आप बड़े बाजारों जैसे अमेरिका, जापान, हांगकांग और अन्य बाजारों में निवेश कर सकते हैं। यह फंड ऑफ फंड है। यानी यह उन फंडों में निवेश करता है जो पहले से ही वहां पर निवेश कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर ICICI प्रूडेंशियल के ग्लोबल एडवांटेज फंड का पोर्टफोलियो देखें तो इसके कुल निवेश में अमेरिकी ब्लूचिप इक्विटी फंड में 26% निवेश है। निप्पोन इंडिया ईटीएफ हांगकांग में 25.4%, फ्रैंकलिन एशियन इक्विटी फंड में 21.5%, निप्पोन जापान इक्विटी फंड में 20.9% का निवेश है।  

इस तरह के निवेश से फायदा अच्छा मिलता है। उदाहरण के तौर पर इस ग्लोबल एडवांटेज फंड ने 22.83% चक्रवृद्धि ब्याज (CAGR) की दर से रिटर्न दिया है। इसका मतलब किसी निवेशक ने इस फंड में अक्टूबर 2019 में 10 हजार रुपए का निवेश किया होगा तो वह मई 2021 में 14,037 रुपए हो गया है। इस फंड को अक्टूबर 2019 में लांच किया गया था।  

इस ग्लोबल एडवांटेज फंड के पोर्टफोलियो को देखें तो इसका 51% का निवेश उभरते हुए बाजारों में है। 49% का निवेश विकसित बाजारों में है। यानी उभरते हुए और विकसित, दोनों बाजारों में आपको निवेश का मौका मिलता है। यह उन स्कीम्स में निवेश करता है जो फंड ऑफ फंड के स्ट्रक्चर में होते हैँ। ऐसा इसलिए क्योंकि फंड मैनेजर के पास सभी भौगोलिक क्षेत्रों में निवेश का अवसर होता है और वह तमाम बाजारों में आउटलुक में बदलाव के आधार पर इसमें बदलाव कर सकता है। 

जब भी विकसित बाजारों का आउटलुक सकारात्मक होता है, तब यह फंड उन्हीं बाजारों में निवेश करता है। विकसित बाजारों में अमेरिका, जापान आदि हैं। दूसरी ओर जब उभरते हुए बाजार अच्छा करते हैं तो उसमें यह निवेश करता है। इसमें एशिया के साथ जापान आदि बाजार होते हैं। इस तरह से देखें तो रिटेल निवेशकों के लिए दुनिया भर के बाजारों में निवेश के लिए यह एक वन स्टॉप सोल्यूशन जैसा है। 

दरअसल अभी वैश्विक बाजारों में भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। यही कारण है कि देश के म्यूचुअल फंड इन बाजारों में अपनी स्कीम्स लांच कर रहे हैं। वैश्विक बाजारों में तमाम चुनौतियां भी हैं। जिसकी वजह से अगर आप इस फंड के रास्ते का उपयोग करते हैं तो आप के निवेश में जोखिम कम होता है और साथ ही फायदा भी मिलता है। पिछले कुछ समय से विदेशी बाजारों का आकर्षण इसलिए बढ़ा है क्योंकि वहां पर जो कंपनियां लिस्ट हो रही हैं वे भारत में नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर ई-कॉमर्स, डिजिटल प्लेटफॉर्म, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, सेमीकंडक्टर्स जैसे सेक्टर की कंपनियां विदेशी बाजारों में लिस्टेड हैं। साथ ही पिछले कुछ सालों में इन बाजारों ने अच्छा रिटर्न भी दिया है।  

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