कांग्रेस ने कहा अडाणी की कंपनियों में विदेशी निवेश की जांच हो, फिच ने निगेटिव आउटलुक दिया

मुंबई-अडाणी ग्रुप के सामने नई दिक्कतें पैदा हो गई हैं। कांग्रेस ने अब इस मामले में मोर्चा खोल दिया है। उसने डिपॉजिटरी एनएसडीएल और रेगुलेटर सेबी ने इस मामले में जांच करने की मांग कर दी है। दूसरी ओर फिच रेंटिंग ने अडाणी पोर्ट की रेटिंग को निगेटिव आउटलुक दे दिया है।  

अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार तीसरे दिन गिरावट रही। तीन कंपनियों के शेयर लोअर सर्किट के साथ तीसरे दिन बंद हुए। लोअर सर्किट मतलब एक दिन में उससे ज्यादा गिरावट नहीं आ सकती है। इन तीनों का लोअर सर्किट 5 पर्सेंट का है। इसमें अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी गैस शामिल हैं। अब तक ग्रुप को करीबन 90 हजार करोड़ रुपए का मार्केट कैपिटलाइजेशन के रूप में झटका लग चुका है। जानकार मानते हैं कि आगे भी इन कंपनियों के शेयरों में दबाव बना रहेगा। पिछले तीन दिनों से शेयरों के मामले में अभी तक सेबी ने कोई बयान नहीं दिया है।  

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि एनएसडीएल और सेबी को इस निवेश के मामले में जांच करनी चाहिए। साथ ही अगर कुछ गलत मिलता है तो फिर इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएसडीएल वित्त मंत्रालय के तहत आता है। इसने तीन विदेशी निेवेशकों के खातों को बंद किया है। वल्लभ ने कहा कि सेबी की गाइडलाइंस के मुताबिक, विदेशी निवेशक किसी भी भारतीय फर्म में 10 पर्सेंट से ज्यादा इक्विटी हिस्सेदारी नहीं रख सकते हैं।  

वल्लभ ने कहा कि इन पैसों के सही मालिक को जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीनों में इन शेयरों में आई अचानक तेजी की भी जांच करनी चाहिए। जबकि दो कंपनियां, जिसमें विदेशी निवेशक नहीं हैं, उनमें भी एक साल में 1.47 गुना और 3 गुना की तेजी आई है।  

उधर, फिच रेटिंग ने अडाणी पोर्टस का निगेटिव आउटलुक रखा है। इसका मतलब यह लंबे समय में फॉरेन करेंसी इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग है। इसे बीबीबी की रेटिंग दी गई है। इस कंपनी के ऊपर 14 अरब रुपए के कर्ज को इस साल के अप्रैल से मार्च 2022 तक चुकाना है। इसलिए इस कंपनी पर रेटिंग निगेटिव है। यह देश में सबसे बड़ी कमर्शियल पोर्ट ऑपरेटर के रूप में है।  

अडाणी ग्रुप की कुल 6 लिस्टेड कंपनियां हैं जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 8.50 लाख करोड़ रुपए है। पिछले 3 दिनों में इस कंपनी के निवेशकों को जमकर घाटा हुआ है। कंपनी अडाणी एयरपोर्ट का भी आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि कंपनी के अधिकारी लगातार विदेशी निवेशकों के पैसों को फ्रीज किए जाने के मामले में खंडन कर रहे हैं, पर शेयरों में गिरावट जारी है।  

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