घटती जनसंख्या से चीन परेशान, कहा अब 2 नहीं, 3 बच्चे पैदा करें चीनी
मुंबई– चीन ने अपनी टू चाइल्ड पॉलिसी में 5 साल में ही बदलाव कर दिया है। चीन सरकार के मुताबिक, अब शादीशुदा जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी गई है। चीन ने ये फैसला तब लिया है, जब उसकी जनसंख्या वृद्धि दर 1950 के बाद सबसे धीमी रही है।
चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि पोलित ब्यूरो की हाल ही में हुई बैठक में 3 बच्चों की पॉलिसी पर फैसला लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कर रहे थे। बैठक में कहा गया कि चीन की जनसंख्या के ढांचे को मजबूत करने के लिए ये फैसला लिया गया है। इनके जरिए चीन में बूढ़ी होती आबादी की समस्या को सुलझाया जाएगा। इसके साथ ही चीन अपनी मैनपावर की एडवांटेज को भी बरकरार रखना चाहता है।
चीन में बच्चों को लेकर पहली पॉलिसी 70 के दशक के अंत में बनाई गई। तब ये तय किया गया कि शादीशुदा जोड़े केवल एक बच्चा पैदा कर सकेंगे। ये फैसला देश की तेजी से बढ़ती हुई आबादी पर लगाम लगाने के लिए लिया गया था। इस पॉलिसी में 2016 में बदलाव किया गया और एक बच्चों की सीमा बढ़ाकर 2 बच्चे कर दिया गया। अब 5 साल बाद पॉलिसी फिर बदली गई। अब चीन में थ्री चाइल्ड पॉलिसी लागू हो चुकी है।
चीन सरकार ने 20 दिन पहले यानी 11 मई को 10 साल की जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। इन आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 2011 से 2020 के बीच चीन की जनसंख्या वृद्धि दर 5.38% रही। 2010 में यह 5.84% थी। जाहिर है जनसंख्या वृद्धि दर कम रही और अब चीन के विशेषज्ञ देश के लिए इसे अच्छा संकेत नहीं मान रहे।
चीन की जनसंख्या फिलहाल, 1 अरब 41 करोड़ है। 2010 की तुलना में 7 करोड़ ज्यादा। चीन में पहली जनगणना 1953 में कराई गई थी। इसके बाद से यह सबसे कम जनसंख्या वृद्धि दर है। और यही बीजिंग की फिक्रमंदी का सबब भी है। शंघाई की 26 वर्षीय बीमा पेशेवर एनी झांग ने पिछले साल अप्रैल में शादी की। उन्होंने बताया कि एक बच्चा होना मेरी उम्र में महिलाओं के करियर डेवलपमेंट के लिए एक नुकसानदेह फैसला है। दूसरी बात, एक बच्चे को पालने की लागत (शंघाई में) बहुत ज्यादा है, यह कहीं न कहीं हमारी आजादी को छिनने जैसा है।
एक थिंक-टैंक की 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में एक सामान्य परिवार के लिए एक बच्चे को पालने में 490,000 युआन ($ 74,838) की लागत आई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि 2020 तक यह खर्च चार गुना तक बढ़कर अब1.99 मिलियन युआन हो गया है।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सरकार को अब यह डर सताने लगा है कि भविष्य में कहीं देश में काम करने लायक सही उम्र वालों (work force) की कमी न हो जाए। पिछले साल चीन में 12 लाख बच्चों ने जन्म लिया। देश में जनगणना के मुख्य अधिकारी निंग जिंझे के मुताबिक- चार साल से हम बच्चों की कम होती जन्म दर यानी बर्थ रेट देख रहे हैं। यह भविष्य के लिहाज से अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। चीन दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी और सुपर पॉवर है। अगर इसी रफ्तार से वर्क फोर्स कम होता गया तो भौगोलिक हालात भी तेजी से बदलेंगे।