कोरोना की वजह से हो सकती है डायबिटीज, क्या कहा ICMR ने, जानिए यहां पर

मुंबई– इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा है कि कोरोना से शुगर की बीमारी भी हो सकती है। ICMR के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोनावायरस डायबिटीज भी दे सकती है, क्योंकि इससे शुगर बढ़ता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपको कोरोना संक्रमण से पहले शुगर की समस्या नहीं थी तो यह उसके इलाज के दौरान हो सकती है। देश भर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे एक वजह यह भी हो सकती है। 

कोरोना संक्रमित के इलाज में रेमडेसिविर जैसे स्टेरॉयड्स की मदद ली जाती है। ये स्टेरॉयड्स कोरोना का वायरल लोड कम करने में मदद करते हैं। लेकिन, यह कोरोनावायरस का इलाज नहीं हैं। गुरुवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं की लिस्ट से हटा दिया। क्योंकि इसके फायदे कम और साइड इफेक्ट ज्यादा हैं। ऐसी ही दवाओं के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से कोरोना मरीजों में शुगर या डायबिटीज की समस्या हो जाती है। 

पहले से कोरोना वायरस से लड़ रहे मरीज के शरीर में ब्लड शूगर लेवल बढ़ने से उसकी इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे कंडीशन में फंगल इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है। जिसकी वजह से ब्लैक या व्हाइट फंगस होता है। देश में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट आ रही है। इस दौरान ICMR ने कोरोना के साइड इफेक्ट को लेकर चौंकाने वाली जानकारी दी। ICMR के हेड डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि कोरोनावायरस की बीमारी डायबिटीज भी दे सकती है, क्योंकि संक्रमण से शुगर बढ़ती है।  

ICMR के मुताबिक, म्यूकरमाइकोसिस एक फंगल इन्फेक्शन है। ये ऐसे लोगों को निशाना बनाता है, जो दवाइयों पर चल रहे हों या उन्हें पहले से स्वास्थ्य की ऐसी परेशानियां हों, जिससे इम्युिनटी घट रही हो। ऐसे मरीजों को सांस लेने से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। नाक और फेफड़े इसका निशाना बनते हैं। ब्लैक फंगस खतरनाक बीमारी में बदल सकता है और इसके लक्षण होते हैं- नाक और आंख के पास दर्द और लाली, बुखार, सिरदर्द, कफ, सांस में दिक्कत, खूनी उल्टी, दिमागी उलझन। 

ब्लैक फंगस होने की वजहें 

डायबिटीज का बेकाबू होना और उसके स्तर में बड़े उतार-चढ़ाव, स्टेरॉयड्स के इस्तेमाल के चलते इम्युनिटी में कमी आना, ICU में ज्यादा स्टे, पहले से बीमारियों का होना, वोरीकोनाजोल थैरेपी 

कैसे रोका जा सकता है 

किसी धूलभरी कंस्ट्रक्शन साइट पर जाते वक्त मास्क पहनें,मिट्टी में काम करते वक्त जूते और लंबे मोजे पहनें, लंबी बांह की शर्ट और ग्लव्स पहनें, सफाई बरतें और बहुत अच्छी तरह से नहाएं। 

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