80 बड़े एनपीए जा सकते हैं बैड बैंक में, अगले महीने से शुरू होगा यह बैंक
मुंबई– बैंकों के बुरे फंसे कर्जों के लिए घोषित बैड बैंक अभी भले ही शुरू नहीं हुआ है, पर इसके लिए एनपीए वाले अकाउंट आने लगे हैं। खबर है कि करीबन 80 बड़े एनपीए वाले अकाउंट इस बैड बैंक में ट्रांसफर हो जाएंगे। यह बैड बैंक अगले महीने से शुरू हो सकता है।
बैड बैंक का नाम नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड है। इसमें खातों के जाने का मतलब यह है कि यह ग्राहक से पैसे वसूलेगा। बैंकों के जो बुरे फंसे कर्ज वाले खाता हैं, वे इस संस्थान को ट्रांसफर किए जाएंगे। एनएआरसीएल को 2021-22 के बजट में घोषित किया गया था। यह एक तरह के एनपीए का निपटारा करने वाला संस्थान होगा।
सूत्रों ने कहा कि इन एनपीए खातों में से प्रत्येक की साइज 500 करोड़ रुपए से अधिक है। बैंकों ने लगभग 70-80 ऐसे खातों की पहचान की है जिन्हें प्रस्तावित बैड बैंक में ट्रांसफर किया जाना है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का एनपीए बैंकों के खाते से निकलकर बैड बैंक में चला जाएगा। कंपनी उन असेट्स को लेगी, जो 100 प्रतिशत बैंक द्वारा प्रदान की गई हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में घोषणा की कि सरकारी बैंकों द्वारा उनकी तनावग्रस्त संपत्तियों (stressed assets) के बैंक बुक के क्लीन अप के लिए हर संभव उपाय करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बजट भाषण में कहा था कि एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना मौजूदा दबाव वाले कर्ज (stressed debt) को मजबूत करने और संभालने के लिए की जाएगी।
उन्होंने कहा था कि इसके बाद यह वैकल्पिक निवेश कोषों (alternate investment funds) और अन्य संभावित निवेशकों को अंतिम मूल्य प्राप्ति (eventual value realisation) के लिए असेट्स का प्रबंधन और निपटान करेगा। पिछले साल इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने एनपीए के तेजी से निपटारे के लिए एक बैड बैंक के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इसके लिए असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) और असेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) मॉडल अपनाने का फैसला किया।
एनएआरसीएल लोन के लिए सहमत मूल्य का 15 प्रतिशत नकद में पेमेंट करेगा और शेष 85 प्रतिशत सरकार द्वारा गारंटी सुरक्षा रसीद होगी। अगर तय वैल्यू के खिलाफ नुकसान होता है तो सरकारी गारंटी लागू की जाएगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत कर्जों को NARCL को नहीं बेचा जा सकता है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 तक लगभग 1.9 लाख करोड़ के लोन को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों के सुचारू कामकाज की सुविधा के लिए आरबीआई ने पिछले महीने व्यापक समीक्षा करने के लिए एक पैनल स्थापित करने का निर्णय लिया था।