नौकरी पेशा वाले लोगों पर बुरा असर, 3.5 करोड़ कर्मचारियों ने पीएफ से निकाले पैसे
मुंबई– कोविड-19 का देश में औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों पर बुरा असर पड़ा है। एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के डाटा के मुताबिक, 1 अप्रैल 2020 से 12 मई तक 3.5 करोड़ कर्मचारियों ने अपने प्रॉविडेंट फंड खाते से 1.25 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। डाटा के मुताबिक, EPFO के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से आधे से ज्यादा ने कोरोनाकाल में पैसे की निकासी की है।
1.25 करोड़ रुपए की निकासी में EPFO की ओर से पीएफ, पेंशन, डेथ इंश्योरेंस और ट्रांसफर के तौर पर सेटल किए गए क्लेम भी शामिल हैं। वित्त वर्ष 2019 में EPFO ने 81,200 करोड़ रुपए के क्लेम सेटल किए थे। 1 अप्रैल 2020 से 12 मई 2021 के दौरान 72 लाख कर्मचारियों ने कोविड-19 नॉन-रिफंडेबल यानी ना लौटाए जाने वाला एडवांस लिया है। इन कर्मचारियों ने एडवांस के तौर पर 18,500 करोड़ रुपए की राशि ली है।
केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को एडवांस लेने की सुविधा दी थी। इसके तहत सब्सक्राइबर अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75% या तीन महीने की सैलरी के बराबर राशि की निकासी कर सकते थे। इन दोनों में से जो भी राशि कम थी, उसकी निकासी की जा सकती थी। यह राशि नॉन-रिफंडेबल एडवांस यानी लौटाई नहीं जानी थी।
वार्षिक आधार पर निकासी में 10% का उछाल रहा है। इसका प्रमुख कारण ज्यादा रिटायरमेंट और नौकरी में बदलाव रहा है। कोविड-19 विड्रॉल के कारण इसमें महत्वपूर्ण उछाल रहा है। कोविड के कारण प्रति व्यक्ति औसत निकासी 25 हजार रुपए रही है। इसका मतलब यह है कि मासिक औसत कमाई 8 से 9 हजार रुपए रही है।