एयर इंडिया पर अमेरिका में मुकदमा, केयर्न एनर्जी जब्त कर सकती है प्रॉपर्टी

केयर्न एनर्जी ने सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया पर अमेरिका की एक अदालत में मुकदमा किया है। उसने भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर का बकाया वसूल करने के मकसद से यह कदम उठाया है। सरकार के खिलाफ टैक्स विवाद के एक मामले में अदालत का फैसला कंपनी हक में आया है। मुकदमे में आए अदालती आदेश में सरकार से कंपनी को इतनी रकम का भुगतान करने के लिए कहा गया है। 

कंपनी के इस कदम से सरकार पर 1.2 अरब डॉलर की रकम के अलावा इस पर ब्याज और जुर्माना अदा करने का दबाव बढ़ गया है। इस रकम के भुगतान का आदेश एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने पिछले साल दिसंबर में दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार ने ब्रिटेन और भारत के बीच हुई निवेश संधि का उल्लंघन किया है, इसलिए सरकार भुगतान करने को बाध्य है। 

केयर्न एनर्जी ने मुकदमा न्यूयॉर्क के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दर्ज कराया है। उसने उस रकम के भुगतान के लिए एयर इंडिया को जवाबदेह बनाने की मांग की है, जो उसे भारत सरकार के खिलाफ दावे में जीत से हासिल हुई है। कंपनी का कहना है कि एयरलाइन कंपनी पर सरकार का मालिकाना हक है, इसलिए वह कानूनी तौर पर सरकार से अलग नहीं है। उसके मुताबिक, नाम के लिए भारत सरकार और एयर इंडिया को अलग मानना गलत है। इससे भारत सरकार को केयर्न जैसे लेनदारों से अपनी संपत्ति सुरक्षित रखने का गैरवाजिब जरिया मिल रहा है। 

मध्यस्थता अदालत के आदेश को मान्यता दिलाने और उसकी पुष्टि कराने के लिए केयर्न एनर्जी ने इस साल फरवरी में अमेरिका की एक अदालत में अलग से मुकदमा किया था। इस मामले में उसने 2014 से बकाया रकम और उस पर हर छह महीने जमा हो रहे ब्याज के भुगतान की मांग की थी। 

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