मारुति सुजुकी को 1,166 करोड़ रुपए का फायदा, एक साल पहले की तुलना में लाभ 9.6% घटा
मुंबई– कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी को चौथी तिमाही में 1,166 करोड़ रुपए का शुद्ध फायदा हुआ है। एक साल पहले की इसी समय की तुलना में उसे 9.7% कम फायदा हुआ है। यह कमी इसलिए आई क्योंकि उसकी गैर परिचालन इनकम में कमी आई है। कंपनी ने निवेशकों को हर शेयर पर 45 रुपए का लाभांश दिया है।
कंपनी ने मंगलवार को अपना रिजल्ट जारी किया। लाभांश का मतलब अपनी कमाई से निवेशकों को कुछ पैसे देने से होता है। कंपनी ने जो 45 रुपए लाभांश की घोषणा की है, वह निवेशकों के अकाउंट में डायरेक्ट आ जाएंगे। कंपनी ने बताया कि जनवरी-मार्च 2021 (चौथी तिमाही) में उसकी कुल बिक्री 2,296 करोड़ रुपए की रही है। 2020 के इसी समय की तुलना में यह 33.6% ज्यादा है। 2020 में बिक्री में कमी का कारण कोविड-19 की वजह से हुआ था क्योंकि उस समय मार्च में लॉकडाउन लग गया था।
जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही में इसने कुल 4 लाख 92 हजार 235 गाड़ियों की बिक्री की थी। यह एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 27.8% ज्यादा है। घरेलू बाजार में इसकी बिक्री 4.56 लाख गाड़ियों की रही है। इसमें 26.7% की बढ़त रही है। इसी दौरान इसने 35,528 गाड़ियों को निर्यात किया, यानी भारत से बाहर के देशों में बेचा। इसमें 44.4% की बढ़त देखी गई है। कंपनी ने कहा कि उसके ऑपरेटिंग प्रदर्शन में सुधार हुआ है। साथ ही क्षमता के उपयोग में भी सुधार हुआ है। प्रमोशन के खर्च में उसने कमी की और बिक्री की कीमतों में उसने बढ़ोत्तरी की। लागत घटाने पर भी उसने फोकस किया।
पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो इसने 14.58 लाख गाड़ियों की बिक्री की। यह एक साल पहले की तुलना में 6.7% कम है। जबकि 2018-19 की तुलना में यह 21.7% कम है। 2020-21 के दौरान कंपनी की बिक्री पर सीधे कोविड-19 का असर देखा गया। कोविड की वजह से लॉकडाउन होने और लोगों की आर्थिक स्थिति सही न होने से ऐसा हुआ। 2020-21 में घरेलू बाजार में इसने 13.61 लाख गाड़ियों की बिक्री जबकि बाहरी देशों में इसने 96 हजार 139 गाड़ियों को बेचा है। निर्यात में 5.9% की गिरावट रही है।
साल भर के दौरान इसने कुल 6,656.21 करोड़ रुपए के मूल्य के गाड़ियों की बिक्री की। इसमें एक साल पहले की तुलना में 7.2% की गिरावट रही है। पूरे साल के दौरान इसका शुद्ध लाभ 4,229 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की तुलना में इसमें 25.1% की गिरावट आई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कमोडिटी की कीमतें ज्यादा रही और बिक्री भी कम रही। साथ ही विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव भी रहा।

