सवाल पूछने वालों को कुचल रही है योगी सरकार, पूर्व आईएएस अधिकारी ने राष्ट्रपति को भेजा पत्र
मुंबई– उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सवाल पूछने वालों को कुचल रही है। जो भी सवाल पूछ रहे हैं उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हो रहा है। इसी मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश में पूर्व सचिव रहे सूर्यप्रताप सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिख कर इससे अवगत कराया है।
सूर्यप्रताप सिंह ने पत्र में लिखा है कि वर्षों की सेवा में मैने सरकारी तंत्रों का ऐसा दुरुपयोग नहीं देखा जैसा हाल के सालों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में दिख रहा है। आवाज उठाने वालों को डराना, धमकाना ही नहीं, उन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा करना उत्तर प्रदेश में आज आम बात है। उन्होंने लिखा है कि सरकारी व्यवस्था पर खबर लिखे तो पत्रकार पर मुकदमा, सवाल पूछे तो मीडिया को विज्ञापन न देने की धमकी, ट्वीट करे तो आईटी एक्ट में मुकदमा, सड़क पर उतरे तो लाठियों से बुरी तरह से पीटा जा रहा है।
सिंह ने कहा है कि सरकार रासुका का भी घोर दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने लिखा है कि उनके ऊपर कई मुकदमें योगी सरकार ने कर दिए हैं। इसमें कोरोना में कम टेस्ट का सवाल पूछने पर पिछले साल 10 जून को मुकदमा दर्ज किया गया। 24 जून को इसलिए मुकदमा दर्ज हुआ क्योंकि बिजली के चीनी मीटर्स के हटाने और खर्च जनता पर डालने का सवाल पूछा। इसी तरह 18 अक्टूबर 2020 को कासगंज में बलात्कार पीडिता व उसकी मां को मारने का मुद्दा उठाया तो उनके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो गया।
उन्होंने लिखा है कि इसके पहले 2 जून 2017 को भी उनके घर पर हमला किया गया। वे कहते हैं कि कोरोना में गरीबों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें सताया गया है। चालान के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली गई है। सिंह ने कहा कि हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री ने लाइव टीवी पर एएनआई के रिपोर्टर को अपशब्द कह दिया। यही नहीं, मुख्यमंत्री के सलाहकारों ने इस वीडियो को ट्वीट करने वालों पर मुकदमा की धमकी दे डाली। सिंह ने योगी सरकार की इस समय इस तरह की गतिविधियों को उजागर किया है। वे हर रोज इस वीडियो को ट्वीट कर रहे हैं।