अमेरिका ने की बदले की कार्रवाई, भारत के 40 उत्पादों पर लगाया ज्यादा टैक्स
मुंबई– अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने पहली बार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करते हुए भारत के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। बाइडेन प्रशासन ने भारत के करीब 40 उत्पादों पर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया है। यह अतिरिक्त टैक्स झींगा, बासमती चावल, सोना-चांदी के उत्पादों समेत अन्य वस्तुओं पर लगाया गया है। भारत की ओर से नॉन-रेजिडेंट ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स से ली जा रही इक्विलाइजेशन लेवी या डिजिटल सर्विसेज टैक्स (DST) के विरोध में यह अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।
यूनाइडेट स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) ने कहा कि वह भारतीय उत्पादों पर उतनी ड्यूटी लगाएगा, जितना टैक्स भारत DST के तहत वसूल रहा है। अमेरिका का अनुमान है कि भारत DST के तहत करीब 55 मिलियन डॉलर सालाना टैक्स की वसूली करेगा। USTR की डिजिटल टैक्स को लेकर सेक्शन 301 की जांच के अगले चरण में कहा गया है कि अमेरिका 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का प्रस्ताव करता है। भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं पर भी यह अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
इसी साल जनवरी में USTR ने कहा था कि ऑस्ट्रिया, भारत, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन की ओर से लगाया गया डिजिटल टैक्स गलत है। इसके खिलाफ सेक्शन 301 के तहत कार्यवाही की जा सकती है क्योंकि यह अमेरिका की डिजिटल कंपपनियों के प्रति भेदभाव करता है। USTR ने कहा था कि यह डिजिटल टैक्स अंतरराष्ट्रीय टैक्स सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। USTR ने डिजिटल टैक्स लगाने पर इन देशों को प्रतिरोधी टैरिफ का सामना करने की चेतावनी दी थी।
भारत 1 अप्रैल 2020 के इक्वेलाइजेशन लेवी वसूल रहा है। इसे गूगल टैक्स के नाम से भी जाना जाता है। USTR ने 119 कंपनियों की पहचान की है जो डिजिटल सर्विस टैक्स के दायरे में आती हैं। इनमें से 86 या 72% अमेरिकी कंपनियां हैं। भारत ने पिछले साल नवंबर में आग्रह किया था कि यह लेवी 2015 में आयोजित OCED-G20 रिपोर्ट के आधार पर लगाई जा रही है। USTR डिजिटल सर्विसेज टैक्स को लेकर 10 देशों के खिलाफ जांच कर रहा है जिसमें भारत, ब्रिटेन, ब्राजील, यूरोपियन यूनियन, इटली और तुर्की भी शामिल हैं।