कोरोना में वित्तीय स्थितियों से निपटने के लिए ऐसे बनाएं प्लानिंग

मुंबई– कोरोना महामारी एक बार फिर से देश में अपने पैर पसारने लगी है। पिछले साल कोरोना के कारण कई लोगों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब आपको पैसों की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए सही फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है। आज हम आपको ऐसी ही 5 जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं जो आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में बहुत काम आएंगे। 

अगर किसी वजह से आप आर्थिक संकट के शिकार बन जाते हैं तो आपको अपने घर खर्च के लिए कम से कम 3 महीने के लिए जरूरी रकम एक इमरजेंसी फंड में रखना चाहिए। यह फंड आप बैंक के सेविंग अकाउंट या म्यूचुअल फंड के लिक्विड फंड में बना सकते हैं। इस फंड का इस्तेमाल सिर्फ इमरजेंसी में ही करें। 

कोरोना काल ने लोगों को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस की अहमियत समझा दी है। मेडिकल इंश्योरेंस आपको समय पर पर्याप्त मदद मुहैया कराता है। आर्थिक संकट के दौर में अगर आप या आपके परिजनों के सामने कोई मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति आती है तो आप हेल्थ पॉलिसी के दम पर इसे आसानी से पार कर पाएंगे। अगर आपके पास हेल्थ पॉलिसी नहीं होगी तो आप परेशानी में फस सकते हैं। वहीं अगर आपको कुछ हो जाता है तो लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा देगा। 

कोरोना काल ने लोगों को सिखाया है कि बिना कारण या ज्यादा ब्याज पर कर्जा या लोन लेने पर आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। कोरोना काल में कई लोग अपने क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं भर सके और न ही अपने पर्सनल लोन की किस्त जमा कर सके हैं। इससे क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है और ब्याज भी बढ़ता है। इसीलिए भविष्य में कोरोना जैसी किसी परेशानी में आर्थिक समस्या से बचने के लिए ज्यादा ब्याज पर और फालतू कर्ज लेने से बचें। 

किसी भी तरह की वित्तीय समस्या से निपटने के लिए वित्तीय अनुशासन बहुत जरूरी है। वित्तीय अनुशासन के लिए आपको अपने मासिक खर्चों के लिए एक बजट तैयार करना चाहिए और महीने के अंत में वास्तविक खर्चों के साथ बजट की तुलना करनी चाहिए। यह तुलना आपको एहसास कराएगी कि आपने उस महीने में क्या फिजूल खर्च किया है। इससे आप अपने फिजूल खर्चों को कंट्रोल कर सकेंगे। इससे आपको ज्यादा बचत करने में मदद मिलेगी। 

नए साल ने या भविष्य में पैसों को लेकर आपको ज़्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए निवेश के सही विकल्प चुनें और अगर पहले से निवेश कर रहे हैं तो उसे बंद न करें। मंथली निवेश या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बहुत जरूरी है। इसके जरिए आप आसानी से भविष्य की जरूरतों को लेकर फंड तैयार कर सकेंगे। 

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