भारत में आर्थिक लैंगिक अंतर को पाटने के लिए बीमा में महिलाओं की भूमिका
– सीमा त्रिकानंद –
ईवीपी एंड चीफ एचआर एंड मैनेजमेंट सर्विसेज, एसबीआई लाइफ
मुंबई– आईआरडीएआई की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में बेची गई कुल जीवन बीमा पाॅलिसियों में से सिर्फ 31 प्रतिशत महिलाओं ने खरीदी थी। यह आंकड़ा भारत में मौजूद आर्थिंक लैंगिक अंतर की झलक मात्र है जो वल्र्ड इकोनोमिक फोरम (डब्लूईएफ) की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 वर्ष से कम हो रहा है। हमें पूरे देश में महिलाओं को इस तरह सशक्त बनाना है, कि वे अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे सकें।
बीमा उद्योग अपने कर्मचारियों में महिलाओं की भागीदारी को बढाने और सहयोग करने में हमेशा सक्रिय रहा है। 31 मार्च 2020 को बीमा उद्योग में 6.15 लाख महिला एजेंट थीं, जो कुल व्यक्तिगत एजेंसी फोर्स का 27 प्रतिशत थीं। इसके अलावा महिलाएं बीमा क्षेत्र में एक्जीक्यूटिव से लेकर जूनियर तक हर पद पर मौजूद हैं। वे इस क्षेत्र में वित्तीय सलाहकार, एजेंट और कर्मचारी के रूप में आ रही हैं और अपना कॅरियर आगे बढ़ा रही हैं।
महिलाएं अपने साथ कुछ अतिरिक्त कुशलताएं लाती हैं जो उन्हें अपने जाॅब या भूमिका को बेहतर ढंग से करने में मदद करता है। यहां हम महिलाओं की नैसर्गिंक विशेषताओं जैसे सहानुभूति, सामने वाले को सुनने की अच्छी क्षमता आदि की चर्चा कर रहे हैं।
1- महिलाएं दूसरों से रिश्ते ज्यादा बेहतर बनाती है और खुद आसानी से जोड़ पाती हैं
इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाओं में बाॅंडिंग और दूसरों से जुड़ने की नैसर्गिंक क्षमता होती है। बीमा उद्योग में यह बहुत उपयोगी है, क्योंकि यहां लगातार चर्चा और दबाव डालने का कौशल बहुत जरूरी है। इसके अलावा अच्छे रिश्ते बनाने की कला से ग्राहकों को व्यक्तिगत संतुष्टि मिलती है और कर्मचारियों के रिश्ते भी अच्छे बनते हैं। सहानुभूतिपूर्ण और बहुत जल्दी भांपने की कला के कारण महिलाएं क्लेम प्रोसेसिंग और अंडरराइटिंग की जिम्मेदारियां भी आसानी से निभा लेती हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि बीमा सम्बद्ध पक्षों का विश्वास जीतने पर ही निर्भर करता है। ऐसे में लगातार प्रभावी सम्पर्क करने वालों की यहां बहुत जरूरत रहती है और यह काम महिलाएं आसानी से कर लेती हैं।
2- महिलाएं समस्याओं को आसानी से सुलझा लेती हैं
हमारे रोजमर्रा के जीवन और एक परिवार चलाते समय हमारे सामने अक्सर समस्याएं आती रहती हैं और कुछ को तुरंत सुलझाना पडता है। बीमा में रोज आने वाली समस्याओं के रचनात्मक समाधान ढूंढने पडते हैं स्थिति का सावधानी से विश्लेषण कर समस्या दूर करनी पडती है। महिलाओं में समस्या का समाधान करने की आंतरिक क्षमता होती है और इसी के चलते वे बीमा उद्योग के लिए बिल्कुल फिट रहती है।
3- महिलाएं जोखिम प्रबंधन के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं
आर्थिक जगत में एक सामान्य समझ चलती है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले जोखिम से दूर रहना पसंद करती हैं, इसलिए साॅफ्ट स्किल्स वाले कामों के लिए ज्यादा उपयोगी हैं। महिलाओं को जोखिम से दूर रहने वाली समझने के बजाए मेरा मानना है कि महिलाएं जोखिम और जोखिम प्रबंधन व इसका सामना के प्रति एक संतुलित एप्रोच रखती हैं।
4- महिलाएं अन्य महिलाओं को ज्यादा बेहतर ढंग से वित्तीय जानकारी दे सकती हैं
म्हिलाओं में वित्तीय जागरूकता की कमी काफी चिंता का विषय है। महिलाएं अपने साथी पुरुषों के मुकाबले ना सिर्फ बहुत कम वित्तीय उत्पाद व सेवाएं खरीद रही हैं, बल्कि महिलाओं का परिवार के वित्तीय निर्णयों में दखल भी कम है। यह माना जाात है कि देश में साक्षरता के प्रसार के लिए बच्चियों को शिक्षित करना जरूरी है। यही बात वित्तीय साक्षरता के लिए भी लागू होती है। जितनी महिलाएं इस क्षेत्र में आंएगी, विशेषकर बीएफएसआई सेक्टर में उतनी ही तेजी से वित्तीय साक्षरता का प्रसार महिलाओं और परिवारों में होगा। इससे महिलाएं अपने वित्त का बेहतर ढंग से प्रबंधन कर सकेंगी और मजबूत निर्णय ले सकेंगी। जितनी ज्यादा महिला कर्मचारी होंगी, महिलाओं के लिए उतने ही ज्यादा उत्पाद होंगे। जितनी ज्यादा महिलाए एजेंट होंगी, सम्भावित महिला ग्राहकों से उतना ही ज्यादा सम्पर्क होगा और वित्तीय साक्षरता का प्रसार होगा।
लैंगिक विभिन्नता प्रबंधन के लिए भी काफी फायदेमंद है। मैकंजी द्वारा हाल में किए गए एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार जिन संस्थानों मे लैंगिक विभिन्नता ज्यादा होती है, वहां ज्यादा बेहतर वित्तीय परिणाम आते हैं। महिलाएं कम्पनी का व्यापार बढाने, नए ग्राहकों को जोडने और मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं देने मंें अहम योगदान देती हैं। स्वस्थ लैंगिक विभिन्नता को सफलतापूर्वक बनाए रखने के लिए उचित काॅरपोरेट नीति की जरूरत होती है। इस वैश्विक महामारी ने हमें जो सबसे बडा पाठ पढाया है, वह यही है कि हमें हर तरह की रूकावट के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे परिदृश्य में लैंगिक विभिन्नता वाला प्रतिभाशाली लोगों का समूह नई सोच और विचार के साथ काम कर सकता है।