कॉर्पोरेट बांड बढ़कर 70 लाख करोड़ रुपए का हो सकता है
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार घरेलू बाजार में कॉरपोरेट बॉन्ड की सप्लाई वित्त वर्ष 2024-25 तक बढ़कर दोगुनी होकर 65-70 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। हालांकि, कॉर्पोरेट बॉन्ड की मांग मार्च 2025 तक 60-65 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना है। ऐसे में बाकि 5 से 10 लाख करोड़ की खपत के लिए विदेशी निवेश की जरूरत रहेगी। क्रिसिल (CRISIL) रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इसमें 50% योगदान फाइनेंशियल सेक्टर का रहेगा।
अगले कुछ सालों में जारी कुल कॉर्पोरेट बांड का आंकड़ा 2020 की तुलना में दोगुना बढ़ कर 65-70 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। यह 2020 में 33 लाख करोड़ रुपए था। यह जीडीपी की तुलना में 16% से बढ़ कर 2025 तक 22-24% होने की उम्मीद है। 2020-21 में देश की GDP 194.82 लाख करोड़ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को दोगुना करने में 25% योगदान रिटायरमेंट फंड का भी रहेगा। इसके बाद इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और रेगुलेटरी का योगदान भी 20% के करीब रहेगा।
कोई कॉरपोरेट बॉन्ड कितना सुरक्षित है, इसकी जांच आप रेटिंग एजेंसियों के द्वारा जारी क्रेडिट रेटिंग से कर सकते हैं। AAA रेटिंग वाली कंपनियों के बॉन्ड सबसे ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं और इनमें AA रेटिंग वाली बॉन्ड के मुकाबले जोखिम कम होता है। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड ऐसे डेट म्यूचुअल फंड स्कीम होते हैं, जो कि कॉरपोरेट बॉन्ड या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में निवेश करते हैं। कॉरपोरेट बॉन्ड फंड मुख्य तौर पर हाई क्वालिटी वाले साधनों में निवेश करते हैं, इसलिए इन फंडों का क्रेडिट जोखिम उन अन्य डेट साधनों के मुकाबले कम होता है, जो शायद कम रेटिंग वाले साधनों में निवेश करते हों।