होम इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत दावों को फाइल करने के तरीके अहम हैं

मुंबई– हम में से अधिकांश अपने जीवनकाल की बचत का निवेश घर खरीदने में करते हैं और इसके लिए एक अच्छी खासी ईएमआई का भुगतान भी करते हैं, लेकिन इतना सब करने के बावजूद आपकी प्रॉपर्टी सुरक्षित नहीं है। प्राकृतिक आपदाएं पहले की तुलना में अब ज्यादा होती जा रही हैं जो न केवल घर की बनावट को बल्कि उसमें रखे गए साजो सामान को भी नुकसान पहुंचाती रहती हैं। यूँ तो हम अपने घरों को सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करते हैं और फिर भी चोरी और सेंधमारी का खतरा बना रहता है।

ऐसी सूरत में होम इंश्योरेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह आपके घर की संरचना और साजो समान को नुकसान पहुंचने से होने वाले वित्तीय नुकसान के लिए कवर प्रदान करता है। वर्तमान में, विभिन्न प्रकार की होम इंश्योरेंस पॉलिसी जैसे हाउसहोल्डर्स पॉलिसी, ऑल रिस्क होम इंश्योरेंस पॉलिसी आदि हैं जो विभिन्न प्रकार के कवरेज प्रदान करते हैं और आपको अपनी आवश्यकता के अनुरूप एक चुनना होता है।

जब आप बीमा पॉलिसी का चयन कर रहे हैं, तो पहला बड़ा कदम यह है कि पॉलिसी के नियमों और शर्तों पर एक नज़र डालें ताकि इसके कवरेज और नॉन-कवरेज को समझा जा सके।

क्लेम करने के तरीके को जानना काफी महत्वपूर्ण है ताकि आपको पता चले कि किसी होनी अनहोनी की स्थिति में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। हालांकि अधिकांश बीमाकर्ताओं के पास होम इंश्योरेंस के तहत एक परिभाषित दावा प्रक्रिया (defined claim process) है, पर यहां नीचे कुछ आवश्यकताएं और सुझाव बताए जा रहे हैं जो बेरोक टोक दावा पाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

• आजकल अधिकांश बीमाकर्ताओं ने क्लेम पास करने की प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है, इसलिए हमेशा पॉलिसी दस्तावेज़ की एक सॉफ्ट कॉपी को सदैव अपने पास रखें, जो काफी आसान भी है। किसी भी नुकसान की स्थिति में आपको पहले बीमाकर्ता को ईमेल या टेलीफोन के माध्यम से सूचित करना होगा और उन्हें अपनी पॉलिसी के संबंध में दुर्घटना या घटना की संक्षिप्त जानकारी देनी चाहिए।
• घरेलू साजो सामान/पोर्टेबल वस्तुओं को हुए नुकसान के मामले में, अपने बीमाकर्ता से जांच करें कि क्या वे क्षतिग्रस्त वस्तुओं को उठाकर और फिर पहुँचाकर उनके लिए परेशानी मुक्त कैशलेस रिपेयर सेवा प्रदान कर सकते हैं।
• एक बार जब आप अच्छी तरह से समझ लेते हैं कि आपसे क्या उम्मीद की जाती है, तो क्लेम फॉर्म भरें और बीमाकर्ता द्वारा अनुरोध किए गए आवश्यक दस्तावेज तैयार करें।
• यदि आपके बीमाकर्ता के पास एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, तो क्लेम नोटिफिकेशन से लेकर सभी आवश्यक दस्तावेजों को डिजिटल रूप से जमा किया जा सकता है। नीचे क्लेम करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची दी जा रही है। ये सामान्य लिस्ट है पर इससे भी ज्यादा डाक्यूमेंट मांगा जा सकता है।  

1.किसी आकस्मिक या अप्रत्याशित नुकसान के मामले में: नुकसान के बारे में डिटेल्स, क्षतिग्रस्त वस्तु के बिल्स, रिपेयर का एस्टीमेट, मरम्मत बिल, भुगतान रसीद आदि।

2. चोरी या सेंधमारी के मामले में: पॉलिसी के तहत कवर किए गए खोए हुए सामानों का विवरण, खोए हुए आइटम का बिल, घटना के बारे में स्टेटमेंट, पहली सूचना रिपोर्ट (FIR), फाइनल पुलिस रिपोर्ट आदि।
3.यदि नुकसान 1 लाख रुपये से ऊपर है, तो बीमाकर्ता नुकसान के सत्यापन और मूल्यांकन के लिए एक स्वतंत्र सर्वेकर्ता (independent surveyor ) नियुक्त कर सकता है। उसके विजिट पर, सर्वेयर को सभी नुकसान दिखाएं और खोए/क्षतिग्रस्त आइटम्स की लिस्ट भी रखें।

यदि आपके पास इन वस्तुओं की कोई रसीद है, तो सर्वेयर के साथ भी साझा करें। एक बार जब आप सर्वेयर के साथ आवश्यक जानकारी दे देते हैं, तो वह संबंधित मूल्यांकन के साथ बीमाकर्ता को फाइनल सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

बीमाकर्ता बाद में किसी और जानकारी या दस्तावेज़ की आवश्यकता होने की स्थिति में आपसे संपर्क कर सकता है। आमतौर पर, 1 लाख रुपये तक के छोटे-छोटे दावों को निपटाने में 5-7 वर्किंग डेज लगते हैं। बीमित व्यक्ति द्वारा सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के बाद 1 लाख रुपये से ऊपर के बड़े क्लेम्स के लिए लगभग 10 वर्किंग डे लगते हैं।

बीमा कंपनी जहां पॉलिसी के नियम और शर्तों के अनुसार क्लेम का भुगतान करेगी, वहीं पॉलिसीधारक की भी जिम्मेदारी है कि वह नुकसान को कम से कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए। उदाहरण के लिए, बाढ़ के पानी के घर में प्रवेश करने की स्थिति में नुकसान से बचने के लिए जितना संभव हो सामग्री को तुरंत अलग करें। या फिर घर में आग लगती है तो  इसे बुझाने की पहले कोशिश करें ताकि नुकसान कम हो सके।  

चाहे आप एक घर के मालिक हैं या किरायेदार हैं, एक घर बीमा पॉलिसी होने से यह सुनिश्चित होता है कि आपको अपने घर और/या किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण इसकी सामग्री को किसी भी नुकसान के मामले में भारी वित्तीय नुकसान न उठाना पड़े। पॉलिसी के नियमों और शर्तों के साथ साथ इसके क्लेम प्रोसीजर को अच्छी तरह से समझने की सलाह हमेशा दी जाती है, ताकि क्लेम के समय आप अनजान न फंसे। 

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