फूड, खाद, एलपीजी और केरोसीन पर अगले साल घटेगी सब्सिडी, इस साल दिल खोलकर दी गई सब्सिडी

मुंबई– सरकार ने आम लोगों के उपयोग की चीजों पर इस वित्त वर्ष में दिल खोलकर सब्सिडी दी है। हालांकि अगले वित्त वर्ष में इसमें भारी कमी की जाएगी। फूड, खाद, एलपीजी और केरोसीन जैसे सामानों पर चालू वित्त वर्ष में ढाई गुना सब्सिडी बढ़ा दी गई है। यह अब 5.96 लाख करोड़ रुपए हो गई है। 

दरअसल पिछले साल बजट में इन चीजों पर सब्सिडी का अनुमान 2 लाख 27 हजार 794 करोड़ रुपए था। हालांकि उस समय के बजट का सभी अनुमान कोरोना की वजह से बाद में सुधारा गया। इसी में जरूरी चीजों पर सब्सिडी भी ज्यादा बढ़ गई। सब्सिडी में ज्यादा बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण कोरोना के दौरान अतिरिक्त अनाज देना था।

केंद्र सरकार ने गरीबों और प्रवासियों (माइग्रेंट) को लॉकडाउन के दौरान मुफ्त में अनाज दिया। सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ज्यादा सब्सिडी वाली चीजों के आंकड़ों में सुधार किया। इसके मुताबिक, फूड, खाद और पेट्रोलियम (एलपीजी-केरोसीन) पर अगले वित्त वर्ष (2021-22)में सब्सिडी घट कर 3.36 लाख करोड़ रुपए हो सकती है। यह चालू वित्त वर्ष (2020-21) में 5.96 लाख करोड़ रुपए है। फूड पर सब्सिडी 2020-21 में बढ़कर 4 लाख 22 हजार 618 करोड़ रुपए रही है। यह बजट अनुमान में 1 लाख 15 हजार 569 करोड़ रुपए थी। अगले वित्त वर्ष में यह 2 लाख 42 हजार 836 करोड़ रुपए रह जाएगी।

सरकार ने अप्रैल-नवंबर के दौरान मुफ्त में अतिरिक्त अनाज लोगों को दिया। इसमें 80 करोड़ लोगों को फायदा मिला। इसमें प्रवासी मजदूरों पर भी फोकस किया गया था। इसी तरह खाद के लिए 2020-21 के सुधारित अनुमान में 1 लाख 33 हजार 947 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई। यह चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान में 71 हजार 309 करोड़ रुपए थी। अगले वित्त वर्ष में यह 79 हजार 529 करोड़ रुपए हो जाएगी।

एलपीजी और केरोसीन के लिए बजट में सुधारित अनुमान में चालू वित्त वर्ष में 40 हजार 915 करोड़ रुपए सब्सिडी थी। जबकि अगले साल के लिए इसमें केवल 14 हजार 73 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है। सरकार खाद की सब्सिडी खाद बनाने वालों को देती है। यूरिया को बेचने के लिए सरकार ने एक कीमत तय की है। खाद प्रोडक्शन और खाद बेचने की कीमत के बीच का जो अंतर है, सरकार वही अंतर सब्सिडी के रूप में देती है।

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