पीएम किसान योजना बढ़ाकर 18 हजार रुपए करना चाहिए
मुंबई– कोरोना की वजह से चालू वित्त वर्ष में अभी तक जीडीपी के 8 कोर सेक्टर्स में से केवल कृषि में पॉजिटिव ग्रोथ रही है। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और कृषि को बढ़ाने के लिए सरकार को आगामी बजट में इसमें निवेश बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के उपायों का भी ऐलान कर सकती है।
कृषि एक्सपर्ट देवेंद्र शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार को पीएम किसान योजना के तहत हर साल दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 18 हजार रुपए करना चाहिए। अभी इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। देवेंद्र का कहना है कि ज्यादा पैसा देने पर किसान खर्च भी ज्यादा करेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
देंवेंद्र का कहना है कि सरकार ने कोरोनाकाल में कॉरपोरेट को करीब 1.45 लाख करोड़ रुपए की टैक्स छूट और अन्य लाभ दिए थे। लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं दिखा है। सरकार पीएम किसान योजना के तहत 6 हजार रुपए देने के लिए 75 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है। यदि कॉरपोरेट को दिए जाने वाले 1.45 लाख करोड़ रु. के लाभों को शामिल कर लिया जाए तो किसानों को आसानी से 18 हजार रुपए दिए जा सकते हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार को कृषि क्षेत्र में निवेश भी बढ़ाना चाहिए। इसके लिए मंडियों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करने की जरूरत है। आज पूरे देश में करीब 7 हजार रेगुलेटिड मंडियां हैं। किसानों की आय बढ़ाने और उपज की बेहतर कीमत दिलाने के लिए सरकार को प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में एक मंडी बनानी होगी। पूरे देश में 42 हजार मंडी बनाने की आवश्यकता होगी। केंद्र सरकार ने 2018 में 20 हजार ग्रामीण हाट डेवलप करने की बात कही थी। लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हो पाया है।
देंवेंद्र शर्मा का कहना है कि इस समय पूरे देश में मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) का मुद्दा छाया हुआ है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए MSP का विस्तार किया जाना चाहिए। कई अन्य फसलों को भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा फसलों के MSP के दायरे में आने से किसानों को उनकी अच्छी कीमत मिलेगी। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में भी इससे मदद मिलेगी।