बजट में स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद

मुंबई– आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने की उम्मीद है। इसे 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जा सकता है। इसके अलावा टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट्स के तहत मिलने वाली छूट भी बढ़ सकती है।

वर्क फ्रॉम होम से जुड़े खर्चे और महंगाई के कारण उद्योग संघ फिक्की ने नौकरीपेशा लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद जताई है। वित्त मंत्रालय ने 2018 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ लोगों को दिया था। स्टैंडर्ड डिडक्शन वह रकम है, जिसे आमदनी से सीधे घटा दी जाती है। बची हुई आमदनी पर ही टैक्स कैलकुलेट होता है।

पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स के नए ढांचे की घोषणा की थी। लेकिन उसमें NPS के अलावा और किसी छूट का प्रावधान नहीं है। अगले बजट में डोनेशन देने वालों को डिडक्शन (कटौती) का फायदा मिल सकता है।

इनकम टैक्स की धारा 80G के तहत कोई भी व्यक्ति, संयुक्त हिन्दू परिवार (एचयूएफ) या कंपनी, किसी फंड या चैरिटेबल संस्था को दिए गए दान पर टैक्स छूट का फायदा ले सकती है। शर्त यह है कि आप जिस संस्था को यह दान देते हैं, वह सरकार के पास रजिस्टर्ड होनी चाहिए। दान चेक, ड्राफ्ट या कैश में दिया जा सकता है। लेकिन कैश में 2000 रुपए से ज्यादा के दान पर टैक्स कटौती का फायदा नहीं मिलेगा।

सरकार सेक्शन 80C सहित अन्य टैक्स सेविंग इंवेस्टमेंट्स के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ा सकती है। अभी सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए और एनपीएस के लिए सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50 हजार रुपए तक छूट का प्रावधान है। 80C में पीएफ, होम लोन प्रिंसिपल, एनएससी जैसे निवेश शामिल हैं।

सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स बैनिफिट को भी सरकार बढ़ा सकती है। 80D के तहत पति-पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के 25 हजार रुपए तक के भुगतान के बदले टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा आश्रित माता-पिता के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर 25 हजार से 50 हजार रुपए (यदि पैरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं) तक की छूट मिलती है। यानी कोई व्यक्ति अभी अधिकतम 75 हजार रुपए तक के प्रीमियम पर ही टैक्स छूट हासिल कर सकता है। इसे एक या सवा लाख रुपए किया जा सकता है।

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