देश की अर्थव्यवस्था से पहले BSE का एम कैप हो सकता है 365 लाख करोड़

मुंबई- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-Cap) देश की अर्थव्यवस्था से पहले 5 लाख करोड़ डॉलर (365 लाख करोड़ रुपए) हो सकता है। फिलहाल यह 2.7 लाख करोड़ डॉलर पर है।

बता दें कि BSE का मार्केट कैप 200 लाख करोड़ रुपए के करीब है। पिछले साल मार्च से इसमें करीबन दोगुना का इजाफा हुआ है। उस समय यह 101 लाख करोड़ रुपए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन बाजार के जानकार मानते हैं कि जिस तरह से बाजार की तेजी है, अगर इसी रफ्तार से यह रही तो उससे पहले यह 365 लाख करोड़ तक जा सकता है।

सेंसेक्स को 365 लाख करोड़ के मार्केट कैप के लिए करीबन 90 हजार तक जाने की जरूरत है। पिछले साल मार्च से अब तक यह 25,690 से दोगुना बढ़ गया है। हालांकि उस रफ्तार से सेंसेक्स का बढ़ना अभी थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है। क्योंकि कोरोना की वजह से बाजार में भारी गिरावट आई थी।

सेंसेक्स का मार्केट कैप अगर इकोनॉमी से पहले 5 लाख करोड़ डॉलर तक नहीं पहुंचता है तो हो सकता है कि यह 2024 या फिर 2025 तक पहुंच सकता है। क्योंकि यहां से देश की अर्थव्यवस्था में जैसे-जैसे सुधार होगा, वैसे-वैसे शेयर बाजार पर इसका असर दिखेगा। साथ ही कई बड़ी कंपनियां बाजार में लिस्ट होने को तैयार हैं। इसमें एलआईसी, रिलायंस जियो, रिलायंस रिटेल के साथ ऐसी ढेर सारी बड़ी कंपनियां हैं जो आने वाले समय में लिस्टिंग का फायदा ले सकती हैँ। इससे भी मार्केट कैप में तेज बढ़त होगी।

एक अनुमान के मुताबिक, अगले 3-4 सालों में बाजार में 100 से ज्यादा कंपनियों की लिस्टिंग हो सकती है। ऐसे में इन कंपनियों का मार्केट कैप भी शेयर बाजार के मार्केट कैप में इजाफा करने में मदद करेगा। वैसे देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में देश का मार्केट कैप 1-1 के स्तर पर है।    

दरअसल आने वाले समय में कई इवेंट हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था के साथ इसके शेयर बाजार को भी रफ्तार दे सकते हैं। सरकार बीमा में अब विदेशी निवेश की सीमा 75% कर रही है। इससे देश में विदेशी पैसा आएगा। फिलहाल यह 49% की सीमा है। विदेशी निवेश हालांकि इक्विटी बाजार में पिछले साल जमकर आया है। यह अब तक के ऐतिहासिक स्तर पर है। शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच 1.70 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है।

विदेशी निवेश में पिछले साल रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोरोना के बावजूद अच्छी रकम हासिल की। इसने करीबन 1.92 लाख करोड़ रुपए अपने जियो प्लेटफॉर्म और रिटेल के बिजनेस में हिस्सेदारी बेचकर हासिल किया। बता दें कि शेयर बाजार में जितनी कंपनियां लिस्ट होती हैं, उनके मार्केट कैप को मिलाकर कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन बनता है। बीएसई पर 5 हजार से ज्यादा कंपनियां लिस्ट हैं। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ी है।

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