डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती रहीं तो जरूरी चीजों के भी बढ़ सकते हैं दाम

मुंबई– करीबन दो महीने बाद पिछले 15 दिनों से एक बार फिर से डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ने लगी हैं। हालात यह है कि डीजल की कीमतें कुछ शहरों में 80 रुपए के करीब पहुंच चुकी हैं। कुछ शहरों में 81 के पार हैं। अगर डीजल की कीमत लगातार बढ़ती रही तो इससे जरूरी चीजों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।  

बता दें कि ट्रांसपोर्टर की कुल लागत में करीबन 65% लागत डीजल की कीमतों पर निर्भर होती है। प्रति लीटर 2 रुपए से ज्यादा की बढ़त का मतलब ट्रासंपोर्टर्स की लागत बढ़ेगी। इससे ट्रांसपोर्ट से जो भी माल ढुलाई है, वह महंगी होगी। इसके कारण दुकानों या गोदामों पर पहुंचने वाला माल भी महंगा हो जाएगा जिसका सीधा असर आम आदमी पर होगा।  

ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन अब सरकार से डीजल पर लगने वाले टैक्स में राहत की मांग कर रहे हैं। अगर डीजल पर लगने वाले टैक्स में कमी होती है तो इससे डीजल की कीमतें कम हो जाएंगी। साथ ही इन एसोसिएशन का कहना है कि डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में ज्यादा महंगी है और उसे कम करना चाहिए। डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाना चाहिए। अगर यह GST के दायरे में आता है तो अपने आप कीमतें कम हो जाएंगी।  

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बल मलकीत सिंह कहते हैं कि डीजल की कीमतें तिमाही आधार पर तय करनी चाहिए। जबकि अभी यह रोज सुबह 6 बजेतय होती है। उनका कहना है कि इससे रोज कीमतें बढ़ने से ढुलाई महंगी हो जाएगी। उनका कहना है कि आम आदमी का सीधा रिश्ता इस ढुलाई से है। क्योंकि ढुलाई महंगी हुई तो जरूरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। उनका कहना है कि इस समय ढुलाई की कीमतें बढ़ाने से लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।  

बता दें कि इस महीने के अभी तक 5 दिनों में से चार दिन डीजल की कीमतें बढ़ी हैं। शनिवार को डीजल की कीमतों में 25 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ। पिछले 16 दिनों में डीजल की कीमतें 13 बार बढ़ी हैं। जिससे इसमें प्रति लीटर 2.88 रुपए की बढ़त हुई है। दिल्ली में डीजल 73.32 रुपए प्रति लीटर तो मुंबई में यह 79.93 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इंदौर में 81.11 जबकि जयपुर में 82.42 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं। 

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