चीन के प्रतिबंधित ऐप्स का उपयोग सरकारी एजेंसिया भी कर रही हैं
मुंबई-सरकार ने पिछले कुछ महीनों में 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बावजूद कई लोग इन प्रतिबंधित ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। आश्चर्य यह है कि आम लोगों के साथ-साथ सरकारी एजेंसियां भी इन चाइनीज ऐप्स का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे में सरकार की योजना पर पानी फिरने की उम्मीद है।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने वर्ष 2019 में टेलीकॉम सेक्टर के प्रदर्शन पर 5 नवंबर को एक प्रेस रिलीज जारी की है। तीन पेज की इस रिपोर्ट को भारत में जुलाई से प्रतिबंधित चीनी ऐप केमस्कैनर (CamScanner) से स्कैन किया है। TRAI के अधिकारियों की इस लापरवाही से सरकार द्वारा चीनी ऐप्स के पूर्ण प्रतिबंध के दावों पर सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते ही सरकार ने 43 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए हैं। इस तरह भारत में प्रतिबंधित चीनी ऐप्स की संख्या 200 से अधिक हो गई है। अभी लाखों भारतीय इसके बावजूद पबजी, टिकटॉक, अली एक्सप्रेस और कैमस्कैनर जैसे का इस्तेमाल कर रहे है। टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले लोग VPN और APK के जरिये देश में बैन किए गए चीनी ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे है।
VPN के जरिये यूजर इंटरनेट पर अपना लोकेशन बदलकर इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, APK प्लेटफॉर्म से अभी भी इन ऐप्स को डाउनलोड किया जा सकता है। दरअसल सरकार ने ऐप को तो बैन कर दिया लेकिन VPN को बैन नहीं किया। लोग PUGB खेलने के लिए फ्री VPN नॉर्ड (Nord) और क्लाउडफेयर का इस्तेमाल करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगभग असंभव है। उनकी कहना है कि भारत में चीन की तरह विदेशी ऐप्स को फायरबॉल से प्रतिबंधित करना संभव नहीं है। चीन ऐप को बैन करने के साथ VPN को भी नियमित तौर पर बैन करता रहता है। लेकिन भारत में VPN बैन नहीं होता है। विशेषज्ञों ने कहा कि डेटा सुरक्षा के लिए कड़े गाइडलाइंस की जरूरत है।
बता दें कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस तरह का कदम उठाया है। समय-समय पर तमाम ऐप्स को बैन किया जा रहा है। हालांकि इसका उपयोग भी भरपूर हो रहा है। युवाओं में तेजी से फैले इन ऐप्स का बाकायदा ऑपरेशन चालू है। चीन ने इस तरह की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए हैं। हालांकि भारत इस तरह के बैन को सही बताता रहा है।