अपने पोर्टफोलियो को सभी असेट क्लासेस में डाइवर्सिफाइ करें
मुंबई- इंसान का दिमाग हमेशा डर के माहौल में रिएक्ट करता है। इस समय कोरोना, स्लोडाउन और बाजार में उतार-चढ़ाव जैसे डर हैं। यह बात तब ज्यादा आती है जब आप निवेश करते हैं। परिणाम स्वरूप जब भी बाजार में गिरावट आती है ज्यादातर लोग निवेश करने की बजाय बाजार से दूर रहना पसंद करते हैं। यहां तक कि कुछ मामलों में कुछ लोग अपना निवेश निकाल भी लेते हैं। इस तरह की आदत आपके लिए जोखिम वाली हो सकती है। लंबी अवधि में एक सफल निवेशक बनने के लिए आपको इसके विपरीत काम करना होगा।
म्यूचुअल फंड वितरक शुभांगी गोपाल पै कहती हैं कि जब भी बात निवेश के फैसले की आती है, खासकर लंबी अवधि में वित्तीय लक्ष्यों की, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि असेट अलोकेशन मिक्स हो। यह महत्वपूर्ण है कि आप याद रखें कि आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट दोनों का मिला जुला रूप हो। डायनॉमिक असेट अलोकेशन फंड्स इसी तरह की स्थितियों में आपको फायदा देता है।
शुभांगी पै कहती हैं कि इस तरह के फंड्स इस तरह ढांचागत तरीके से बनाए जाते हैं कि वे असेट अलोकेशन की रणनीति का सही तरीके से पालन करें। यह बाजार की स्थितियों पर निर्भर होता है। शुभांगी कहती हैं कि ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि यह आपकी भावनाओं को काबू में रखता है और निवेश की प्रक्रिया को पूरा करता है। सेबी ने भी इस कैटिगरी को स्कीम री कैटिगराइजेशन के दौरान पहचाना था। वर्तमान बाजार के माहौल में इस तरह के फंड्स और भी ज्यादा प्रासंगिक हो जाते हैं। निवेशक एकमुश्त निवेश के अवसर को इस टाइप के फंड्स में निवेश के लिए सोच सकता है।
शुभांगी कहती हैं कि बैलेंस एडवांटेज कैटिगरी में निवेश करने से आपका पैसा डेट और इक्विटी दोनों में निवेश होता है। यह संबंधित असेट क्लास के मामले में अच्छा होता है। बैलेंस एडवांटेज फंड कैटिगरी में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एक पायोनियर फंड हाउस है। यह फंड डायनॉमिकली असेट अलोकेशन स्कीम को मैनेज करता है। कम मूल्य पर खरीदता है और ज्यादा मूल्य पर यह बेचता है। यह उतार-चढ़ाव को मैनेज करने में अच्छी भूमिका निभाता है। इस स्कीम ने मार्च 2010 से अब तक 11.3 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। जबकि निफ्टी-50 ने इस दौरान 9.5 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।