वित्तीय साक्षरता की दिशा में बड़ा कदम कृष गोपालकृष्णन आरबीआई इनोवेशन हब के पहले चेयरमैन बने

मुंबई– सेनापति (कृष) गोपालकृष्णन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)के इनोवेशन हब के पहले चेयरमैन बने हैं। कृष आईटी (IT) कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं। गोपालकृष्णन फिलहाल स्टार्टअप विलेज के चीफ मेंटर हैं। अगस्त में RBI ने आरबीआई इनोवेशन हब (RBIH) की स्थापना की थी। 

RBI ने इस इनोवेशन हब की स्थापना इसलिए की थी ताकि टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही इसके जरिए ऐसा एक माहौल बनाया जाए जिससे इनोवेशन को तेजी दी जा सके। RBI ने एक बयान में कृष की नियुक्ति की जानकारी दी है। 

RBIH को एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा मैनेज और गाइड किया जाएगा। इस गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन ही इसे देखेंगे। गवर्निंग काउंसिल में अन्य सदस्यों में एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी(CEO) भी होंगे। हालांकि अभी CEO की नियुक्ति बाकी है। इसके अलावा IIT मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला, IISC बंगलुरू के प्रिंसिपल साइंटिस्ट एच कृष्णामुर्ति, TVS कैपिटल के चेयरमैन गोपाल एस, नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के पूर्व सीईओ एपी होता, सिंडीकेट बैंक के पूर्व चेयरमैन मृत्युंजय महापात्रा, RBI के कार्यकारी निदेशक (ED) टी रबि शंकर आदि होंगे।  

RBIH एक इको-सिस्टम का निर्माण करेगा जो फाइनेंशियल सर्विसेस और प्रोडक्ट को बढ़ाने पर फोकस करेगा। यह फाइनेंशियल इंक्लूजन को भी बढ़ाने में मदद करेगा। यह हब फाइनेंशियल सेक्टर के संस्थानों के साथ कोलैबरेट करेगा। इसके साथ ही इसे आईटी इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी जोड़ा जाएगा। यह विचारों का आदान प्रदान करेगा। फाइनेंशियल इनोवेशन में यह इसी तरह से एक परिवर्तन की दिशा में काम करेगा।  

फिनटेक रिसर्च को बढ़ाने के लिए आंतरिक स्तर पर एक इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाएगा। इनोवेटर्स और स्टार्टअप के साथ एंगेजमेंट के लिए यह एक आसान काम करेगा। दरअसल भारत की आबादी भले ही 130 करोड़ है, लेकिन वित्तीय साक्षरता अभी काफी कम है। यही कारण है कि सेबी, आरबीआई जैसे रेगुलेटर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड के लिए इसके संगठन एंफी ने पिछले कई सालों से म्यूचुअल फंड सही है अभियान चलाया है। जबकि बीमा सेक्टर के रेगुलेटर आईआरडीएआई ने सबसे पहले बीमा का अभियान चलाया है।  

इतनी बड़ी आबादी के बाद भी देश में इक्विटी में केवल 5.68 करोड़ निवेशक हैं जबकि म्यूचुअल फंड में 9 करोड़ के करीब फोलियो है। बीमा सेक्टर में भी कुछ इसी तरह का हाल है। भारत में फाइनेंशियल साक्षरता की दर अभी भी महज 4-5 पर्सेंट की है। ऐसे में आरबीआई का यह कदम काफी अच्छा माना जा रहा है। हालांकि हाल के सालों में जनधन योजना जैसी तमाम सरकारी स्कीम के कारण बैंक खातों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। इस तरह से आरबीआई नए इनोवेशन हब के जरिए शैक्षणिक, आईटी और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर एक ऐसे प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहा है जो दूर दराज तक वित्तीय साक्षरता को फैलाने में मदद करे।  

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