ओला का लाइसेंस रद्द हुआ, लंदन आरटीओ ने कहा कंपनी का ऐप फिट और प्रॉपर नहीं है
मुंबई- लंदन के सार्वजनिक परिवहन प्राधिकरण (पब्लिक ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) ने भारतीय राइडिंग कंपनी ओला का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अथॉरिटी ने कहा कि टैक्सी का ऐप यात्रियों के लिए “फिट और उचित” नहीं है। क्योंकि इससे यात्री की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।
बेंगलुरु स्थित ओला ने इस साल फरवरी में लंदन के टैक्सी मार्केट में एंट्री की थी जहां उबर, फ्रीनो और बोल्ट सहित कई प्रतिद्वंदी पहले से ही सिक्का जमाये हुए हैं। इसके अलावा पारंपरिक ब्लैक कैब ड्राइवर, जो पहले विरोध कर सड़कों को ब्लॉक करते रहते हैं, वे भी ओला की एंट्री को अपनी आजीविका के लिए खतरे के रूप में देखते हैं।
ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (टीएफएल) ने एक बयान में कहा कि उसने सॉफ्टबैंक समर्थित ऑपरेटर ओला को लंदन के नए प्राइवेट हायर व्हीकल (पीएचवी) ऑपरेटर का लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है। क्योंकि इसके सिस्टम में कई गलतियां है। उदाहरण के तौर पर इसका ऐप फिट और उचित नहीं है। यह ऐप सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। टीएफएल का यह फैसला उबर द्वारा अपने लंदन ऑपरेटिंग लाइसेंस को बहाल करने के लिए कानूनी बोली लगाने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की बात कही गई थी। इसके बाद एक जज ने फैसला सुनाया कि “ऐतिहासिक असफलताओं” के बावजूद ओला कंपनी एक फिट और उचित ऑपरेटर है।
टीएफएल ने कहा था कि उसने ओला के संचालन में कई गलतियां पाई थी, जिसमें लाइसेंसिंग नियमों का उल्लंघन शामिल है। इसके कारण बिना लाइसेंस वाले ड्राइवर और इस प्लेटफॉर्म से एक हजार से अधिक यात्री यात्रा कर रहे थे। ओला पर यह भी आरोप लगाया गया था कि जब उनकी पहचान की गई तो कानूनों के उल्लंघन के बारे में टीएफएल को सूचित करने में कंपनी फेल रही।
टीएफएल ने कहा कि ओला किसी भी अपील पर फैसला आने तक अपना ऑपरेशन जारी रख सकती है। टीएफएल के फैसले के खिलाफ ओला के पास अपील फ़ाइल करने के लिए 21 दिनों तक का समय है। एक ईमेल से एक बयान में ओला ने कहा कि वह टीएफएल के साथ मामला सुलझाने के लिए काम कर रही थी। हमने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि मुद्दों को पारदर्शी तरीके से उठाया जाए और सबका समाधान किया जाए। ओला ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी और तब तक सामान्य रूप से अपना काम करती रहेगी।

