संकट में फंसे यस बैंक एफपीओ से 15,000 करोड़ रुपए जुटाएगा, निवेश करने के लिए हम बता रहे हैं आपके सवालों के जवाब

मुंबई संकट में फंसे निजी क्षेत्र का देश का चौथा बड़ा बैंक यस बैंक एफपीओ के जरिए पैसा जुटाने की योजना बना रहा है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक यह पैसा उसके लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि बैंक का सीएआर 6.5 प्रतिशत है। जबकि यह 8.75 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए। बैंक का शेयर सोमवार को 14 प्रतिशत टूटकर 22 रुपए पर पहुंच गया। एक साल में इसने बहुत घाटा निवेशकों को दिया है। बाजार के विश्लेषक अंबरीश बालिगा से हमने पाठकों के लिए यह जानने की कोशिश की कि निवेशकों को इसमें क्या करना चाहिए।

यस बैंक के एफपीओ को कैसे देखते हैं?

मैं इसे यस बैंक में उन निवेशकों के लिए एक अवसर के रूप में देखता हूं जिन्होंने इसे बहुत ऊंचे स्तर पर खरीदा था और जब यह थोड़े समय के लिए 10 रुपए के स्तर पर फिसल गया था तो वे चूक गए थे। हर कोई कह सकता है कि आरबीआई द्वारा मार्च 2020 में मोरेटोरियम लाने के बाद बुक्स की सफाई, प्रबंधन में बदलाव, भारत के बड़े बैंकों द्वारा निवेश आदि सभी फैक्टर्स अब अच्छे भविष्य का संकेत दे रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा अवसर है।

इसके प्रमोटर्स ने फंडिंग का एक राउंड पूरा किया है। यह दूसरे राउंड की फंडिंग है। क्या बैंक आगे चलेगा?

मोरेटोरियम से पहले भी वित्तीय स्थिति खराब थी। अब भारतीय स्टेट बैंक, एक नए प्रोफेशनल मैनेजमेंट के नेतृत्व में नए जोश के साथ, रिकवरी के लिए आगे निकल पड़ा है। बैंक के लिए सबसे महत्वपूर्ण असेट उसकी प्रतिष्ठा और ग्राहकों का विश्वास होता है।

यस बैंक मोरेटोरियम के बावजूद 105,000 करोड़ रुपए की डिपॉजिट में कामयाब रहा। यह बैंक की ब्रांड वैल्यू को दर्शाता है। देश भर में 1100 से अधिक शाखाओं के साथ, यह आज भी निजी क्षेत्र के बैंकों में एक बड़ा बैंक है। अब बहुत जल्द ही यस बैंक पुरानी गलतियों से सबक सीख कर  फिर से नए जोश और नए प्रबंधन टीम के साथ पुरानी साख के साथ, वापस मार्केट में आने को तैयार है।

इसके एफपीओ की कीमत 12-13 रुपए है। मौजूदा कीमत और एफपीओ के बीच का अंतर कीमत से दोगुना है। एक निवेशक इसे कैसे खरीद सकता है?

मैनेजमेंट ने एफपीओ को आकर्षक ढंग से 12-13 रुपए के बैंड में देने का फैसला किया है। 12/13 रुपए का अंतर काफी बड़ा है और यही इसे आकर्षक बना रहा है। हालांकि, यह उन लोगों को भी आकर्षित करता है जो आर्बिट्राज अंतर से लाभ की तलाश में हैं। हम निवेशकों को वर्तमान में बाजार में बेचने और एफपीओ के लिए आवेदन करने हेतु यस बैंक के “फ्री” शेयर के साथ अटूट जुड़ाव देख सकते हैं।

क्या रिटेल निवेशकों को एफपीओ में निवेश करना चाहिए? एफपीओ में निवेश कैसे करें? रिटेल का पोर्शन कितना सब्सक्रिप्शन प्राप्त कर सकते हैं?

रिटेल निवेशकों के लिए 35 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। एक रिटेल निवेशक के लिए न्यूनतम आवेदन 1,000 शेयर हैं जो 12,000 रुपए से 13,000 रुपये में आएगा।

क्या निवेशक इसे एफपीओ के तुरंत बाद बेच सकता है या फिर कोई लॉक इन पीरियड है?

इन शेयरों में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। इसे तुरंत बेच सकते हैं।

इसके स्टॉक ने पिछले एक साल में घाटा दिया है। एफपीओ में निवेश क्यों करना चाहिए?

यस बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2018 में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का था। तब इसे सबसे तेजी से आगे बढ़ते हुए बैंक के रूप में देखा गया और एक्सिस बैंक जैसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों के लीग में शामिल होने की उम्मीद थी। इसके वेल्थ को डुबो देने वाली जो घटनाएं 2019 और 2020 में घटीं, वे अब पीछे छूट गई हैं। आज मार्केट कैपिटलाइजेशन 32,000 करोड़ रुपए के करीब है। एसबीआई के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों को फंड आवंटन के बाद मार्च 2020 में यह 90,000 करोड़ रुपए तक पहुंचा था।

एक ऐसे ब्रांड के साथ एक नई शुरुआत की ओर देख सकते हैं जिसे अभी भी अच्छी तरह से स्वीकार किया जाता है, जिसका देश भर में एक अच्छा फुटप्रिंट और जिसकी नकल कर पाना मुश्किल है। इसका सबसे अच्छा आईटी बैकबोन और डिजिटल क्षमता है। और सबसे बड़ी बात यह कि एक प्रोफेशनल मैनेजमेंट टीम है। एक बार जब यह पटरी पर आ जाता है, जिसमें से 18-24 महीने लग सकता है, तो यस बैंक के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैपिटलाइजेशन मुश्किल नहीं है।

इस समय बाजार में फंडिंग की बड़ी समस्या है। क्या यस बैंक को पैसा मिलेगा?

एफपीओ को वर्तमान बाजार मूल्य के 50 प्रतिशत डिस्काउंट की कीमत जा रहा है, और यस बैंक के भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, मुझे नहीं लगता कि इस इश्यू को ओवरसब्सक्राइब करने में कोई मुश्किल आएगी।

यदि यस बैंक इस धन को नहीं जुटा सकता है तो इसके लिए समस्याएं बढ़ जाएंगी।

मार्च 2020 में जब यह ज्यादा मुश्किलों में घिरा हुआ था और जब बाजार अफवाहों से भरपूर था कि यस बैंक विफल हो जाएगा। तब इसे एसबीआई ने सपोर्ट किया। अब स्थिति ज्यादा बेहतर लगती है, इसलिए मुझे कोई कारण नजर नहीं आता कि उन्हें फंड जुटाने में परेशानी आएगी। 12/13 रुपए के एफपीओ मूल्य पर यस बैंक निश्चित रूप से अपनी जगह पर सही है। 

क्या अब इसके प्रमोटर इसमें निवेश जारी रखेंगे? या इसे बैंक के साथ मर्ज किया जा सकता है?

यस बैंक को किसी अन्य बैंक में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक का यह सही निर्णय था कि वह यस बैंक का समर्थन करे क्योंकि यह एक ऐसे बैंक को बंद करना विनाशकारी होता, जिसे देश भर में एक ब्रैंड वैल्यू है और ग्राहकों विश्वास अब भी बरकरार है।

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