चालू और अगले वित्त वर्ष तक 4.21 लाख करोड़ रुपए के लोन फंस सकते हैं, एनपीए में होगी वृद्धि

मुंबई-इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने एक नोट में कहा है कि कोविड 19 महामारी के प्रभाव से मौजूदा और अगले वित्त वर्षों के बीच नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में 1.67 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त स्लिपेज हो सकता है। रेटिंग एजेंसी ने टॉप 500 भारी लोन लेने वाले निजी क्षेत्र की कंपनियों और लोगों का विश्लेषण किया है। इसमें पता चला कि अतिरिक्त तनावग्रस्त लोन वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 में 4.21 लाख करोड़ रुपए तक जा सकता है।

एजेंसी ने कहा कि 4.21 लाख करोड़ रुपए की राशि महामारी की शुरुआत से पहले अनुमानित 2.54 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। यह कुल लोन का 6.63 प्रतिशत है। इससे पहले का पिछला अनुमान 4 प्रतिशत का था। इंडिया रेटिंग ने कहा कि यह देखते हुए कि बकाया लोन का 11.57 प्रतिशत कर्ज पहले से ही संकट में है। इससे तनावग्रस्त (स्ट्रेस्ड) लोन का अनुपात 18.21 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। बैंकों को उम्मीद है कि क्रेडिट कॉस्ट कुल कर्ज का 3.57 प्रतिशत होगी।

एजेंसी का मानना है कि खराब स्थिति में जिसमें फंडिंग मार्केट लगातार जोखिम से बचने की कोशिश कर रहे है, कॉर्पोरेट स्ट्रेस 1.68 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 21-22 में कॉर्पोरेट लोन (कुल लोन का 9.27%) 5.89 लाख करोड़ रुपए का स्ट्रेस लोन हो सकता है।

चूंकि आर्थिक अनिश्चितताएं लगातार बनी हुई हैं, इसलिए पर्याप्त लिक्विडिटी के बावजूद लेंडर्स को कम कार्यकाल वाले क्रेडिट देने की संभावना अधिक है। एजेंसी ने कहा, लेंडर्स और भी सेलेक्टिव हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *