पहली तिमाही में रिकॉर्ड 87,813 करोड़ का शुद्ध विदेशी निवेश, टूट सकता है रिकॉर्ड
मुंबई- भारतीय शेयर बाजार को अब तक के सार्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचाने में विदेशी निवेशकों की प्रमुख भूमिका रही है। विदेशी निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 87,813 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। यह अब तक किसी भी पहली तिमाही में किया गया सर्वाधिक विदेशी निवेश है। इससे पहले 2014-15 की पहली तिमाही में रिकॉर्ड 37,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
विदेशी निवेश की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए यह चालू वित्त वर्ष में सारे रिकॉर्ड तोड़ सकता है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून, 2020 में 29,517 करोड़, 2019 में 31,709 करोड़, 2018 में 20,443 करोड़ और 2017 में 13,722 करोड़ रुपये का निवेश था। इसी तरह 2013 में 16,000 करोड़ और 2009 में करीब 31,000 करोड़ रुपये का निवेश था।
आंकड़े बताते हैं कि इस साल अप्रैल में शुद्ध रूप से 11,631 करोड़, मई में 43,838 करोड़ और जून में अब तक 32,344 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हुआ है। हालांकि, जून में अभी एक दिन का कारोबार बाकी है। बुधवार को जब बाजार ने नई ऊंचाई छुए तो विदेशी निवेशकों ने 12 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया। 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में इन निवेशकों ने केवल 4,600 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि 2022 की समान अवधि में 1.07 लाख करोड़ रुपये की निकासी की गई थी।
भारतीय बाजार में निवेश आने के पीछे प्रमुख कारणों में भारतीय कंपनियों की आय मजबूत बनी हुई है। कमाई की रफ्तार में अच्छी वृद्धि दिख रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद स्थिर और मजबूत है। यह अगले कुछ वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। बैंकों का एनपीए दस साल के निचले स्तर पर आ गया है। मुनाफा लगातार दो अंकों से ज्यादा वृद्धि में है। लंबे समय से डॉलर की तुलना में रुपये में स्थिरता बनी हुई है।
एफआईआई ने अब तक चार बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश भारतीय बाजार में किया है। इसमें 2010-11 में 1.10 लाख करोड़ रुपये, 2012-13 में 1.40 लाख करोड़, 2014-15 में 1.11 लाख करोड़, 2020-21 में 2.74 लाख करोड़ और इस वित्त वर्ष में अब तक 87 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। हालांकि, 2021-22 में 1.40 लाख करोड़ रुपये के शेयर इन्होंने बेचे भी हैं।