पीपीएफ की दरों में हो सकती है कटौती, 46 साल के निचले स्तर पर पहुंचेगी
मुंबई- कोरोना के इस संकट में आम आदमी को बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार एक बार फिर छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। अगले हफ्ते ब्याज दर में बदलाव होना है। इसके तहत पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF-Public Provident Fund) में भी कटौती की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ऐसा होता है तो PPF पर मिलने वाला ब्याज 7 फीसदी से भी नीचे जा सकता है, जो 46 साल में सबसे कम होगा। इससे पहले 1974 में पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 7 फीसदी से कम हुई थी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीपीएफ में न्यूनतम जमा की आखिरी तारीख 30 जून तक बढ़ा दी है। पहले इसकी समय सीमा 31 मार्च 2020 थी। अगर आपने न्यूनतम रकम 500 रुपए इस महीने के अंत तक जमा नहीं की तो आप पर जुर्माना लग सकता है।
अप्रैल में छोटी बचत योजनाओं पर घट चुकी हैं ब्याज दरें
पीपीएफ की दर अप्रैल में 7.9 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी की गई थी। सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम की दर 8.6 फीसदी से घटकर 7.4 फीसदी रह गई थी। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी) की दरें 7.9 फीसदी से कम होकर 6.8 फीसदी और सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम की 8.4 फीसदी से घटकर 6.9 फीसदी रह गई थीं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) की ब्याज दर 7 फीसदी से नीचे पहुंच सकती है। पिछले 46 साल में ऐसा नहीं हुआ जब पीपीएफ पर इससे कम ब्याज मिला हो। इसके पीछे मुख्य वजह बॉन्ड यील्ड में लगातार गिरावट बताई जा रही है। इसका मतलब है कि छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दर में कमी की जा सकती है। इनकी ब्याज दर हर तिमाही में तय होती है।
अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो साल 1974 से पहली बार पीपीएफ की ब्याज दर 7 फीसदी से कम होगी. छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दर सरकार के बॉन्ड यील्ड से लिंक होती है. पीपीएफ की दर 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से लिंक है अप्रैल-जून तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर को 7.1 फीसदी रखा गया था।छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दरें बैंक डिपॉजिट की दरों की तर्ज पर घट रही हैं। छोटी अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट की दरें कुछ मामलों में सेविंग्स अकाउंट जितनी रह गई हैं। सात से 45 दिन की एफडी के लिए एसबीआई 2.9 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहा है। यह उसके सेविंग्स बैंक अकाउंट के ब्याज 2.7 फीसदी से कुछ ज्यादा है।
अप्रैल में ब्याज दरों में तेज गिरावट आई थी। एक अप्रैल से 10 साल के बॉन्ड की यील्ड औसतन 6.07 फीसदी रही है। अभी यह 5.85 फीसदी है। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि छोटी बचत स्कीमों की ब्याज दर घट सकती है। रेट कट से पहले खरीदे गए एनएससी और केवीपी पर मैच्योरिटी तक कॉन्ट्रैक्ट की दर से ब्याज मिलता रहेगा। लेकिन, पीपीएफ और सुकन्या स्कीम के निवेश पर असर पड़ेगा।