अडाणी के शेयरों में गिरावट जारी, 3 दिनों में मार्केट कैप 86,699 करोड़ घटा

मुंबई– अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में तीसरे दिन भी लगातार गिरावट जारी रही। इसकी तीन कंपनियों में तीसरे दिन लगातार लोअर सर्किट लगा। लोअर सर्किट मतलब एक दिन में उससे ज्यादा गिरावट नहीं हो सकती है। इन तीन कंपनियों में अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी पावर और अडाणी टोटल गैस शामिल हैं।  

अडाणी ग्रुप की कंपनियों में तीन विदेशी निवेशकों के पैसों को फ्रीज किए जाने की खबर के बाद से सोमवार से शेयरों में गिरावट जारी है। सोमवार को तो अडाणी इंटरप्राइजेज का शेयर 22% गिरा था। इसके अलावा बाकी की लिस्टेड 5 कंपनियों के शेयरों में 5 से लेकर 15% तक की गिरावट दिखी थी। हालांकि शाम होते-होते तीन कंपनियों के शेयरों में रिकवरी दिखी, पर बाकी तीन के शेयर लगातार लोअर सर्किट में हैं।  

इस गिरावट की वजह से अडाणी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में तीन दिनों में 86 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट आई है। शुक्रवार को सभी लिस्टेड 6 कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.42 लाख करोड़ रुपए था जो बुधवार को 8.56 लाख करोड़ रुपए रह गया। इसमें सबसे ज्यादा कमी अडाणी टोटल गैस में आई है। इसके मार्केट कैप में 25 हजार 494 करोड रुपए की कमी आई है। शुक्रवार को इसका मार्केट कैप 1.78 लाख करोड़ था जो बुधवार को 1.53 लाख करोड़ रुपए हो गया। 

अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी पावर और अडाणी टोटल गैस के शेयरों में लगातार तीन दिनों से लोअर सर्किट लग रहा है। यानी इसमें 5-5% की गिरावट जारी है। बुधवार को सभी 6 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही। अडाणी इंटरप्राइजेज में 1% की गिरावट रही तो अडाणी पोर्ट के शेयरों मे 4% की गिरावट रही। अडाणी ग्रीन एनर्जी का भी शेयर 3% नीचे कारोबार कर रहा था। हालांकि इन कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी काफी अच्छी है। इसकी तीन कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 74% से ऊपर है। सबसे कम हिस्सेदारी अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी टोटल गैस में है जो 56.29-56.29% है। चार कंपनियों में विदेशी निवेशकों का हिस्सा 20-20% से ज्यादा है। जबकि एक में 11 और एक में 17% हिस्सा है। 

के.आर. चौकसी के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि फिलहाल कंपनी के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। स्थितियां स्पष्ट होने के बाद ही फैसला करना चाहिए। हालांकि उनका मानना है कि यह ग्रुप काफी ज्यादा सेक्टर में है, इसलिए लंबी अवधि में यह सब मामला खत्म हो सकता है।  

शेयरों में गिरावट का कारण यह था कि सेबी ने इस ग्रुप की कंपनियों मेंतीन ऐसे विदेशी निवेशकों को पकड़ा, जिन्हें फर्जी माना जा रहा है। येतीन निवेशक हैं- अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMSइन्वेस्टमेंट फंड। ये मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस के एक ही पते पररजिस्टर्ड हैं। इनके पास वेबसाइट नहीं है। सेबी ने इन तीनों के निवेश कोफ्रीज कर दिया है। 

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