लोगों की कमाई घटी, फिर भी डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड बना
मुंबई– कोरोना महामारी में लोगों की कमाई घटी है, इसके बावजूद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में एक उल्टा रिकॉर्ड बना है। पिछले 21 सालों में यह पहला मौका है जब आम आदमी की ओर से दिए जाने वाले पर्सनल इनकम टैक्स का कलेक्शन कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले कॉरपोरेट टैक्स से ज्यादा रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसमें कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 4.57 लाख करोड़ रुपए, पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 4.69 लाख करोड़ रुपए और अन्य टैक्स 16,927 करोड़ रुपए रहा है।
वित्त वर्ष 2000-01 में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 68,305 करोड़ रुपए था। इसमें कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 35,696 करोड़ रुपए, पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपए और अन्य टैक्स कलेक्शन 31,764 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2003-04 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार करते हुए 1.05 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2000-01 से पहले का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो सका है।
वित्त वर्ष 2004-05 में केंद्र में जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी, तब देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1,32,771 करोड़ रुपए था। इसके बाद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में हर साल बढ़ोतरी होती रही। मनमोहन सरकार के पांचवें साल में यानी 2008-09 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़कर 3,33,818 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस प्रकार मनमोहन सरकार के पहले पांच सालों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 151% की बढ़ोतरी रही। इन सभी सालों में कंपनियों की ओर से दिए जाने वाला कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन आम आदमी की ओर से दिए जाने वाले पर्सनल इनकम टैक्स से ज्यादा रहा।
वित्त वर्ष 2009-10 में दूसरी बार मनमोहन सिंह की सरकार बनी। इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3,78,063 करोड़ रुपए था। इसके बाद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में साल-दर-साल बढ़ोतरी होती रही। वित्त वर्ष 2013-14 में मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6,38,596 करोड़ रुपए रहा। मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में भी कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन, पर्सनल इनकम टैक्स से ज्यादा रहा।
वित्त वर्ष 2014-15 में भाजपा ने नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इस साल देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 6,95,792 करोड़ रुपए था। मोदी सरकार के पहले पांच सालों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ने नए रिकॉर्ड बनाए। वित्त वर्ष 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पहली बार 10 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा। यह रफ्तार यहीं नहीं रुकी। मोदी सरकार के पांचवें साल यानी वित्त वर्ष 2018-19 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12,97,674 करोड़ रुपए पर पहुंचा। यह अब तक सबसे ज्यादा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का रिकॉर्ड था।
वित्त वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बने। वित्त वर्ष 2019-20 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन घटकर 12,33,720 करोड़ रुपए पर आ गया। वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले वित्त वर्ष 2019-20 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.18% की कमी रही। वित्त वर्ष 2020-21 कोरोना से प्रभावित रहा है। इस कारण डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सिर्फ 9.45 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 23% की गिरावट रही है।