रोजगार, पर्सनल फाइनेंस और इकोनॉमी को लेकर निराशा बढ़ी

मुंबई– महामारी के चलते बने हालात अच्छे भविष्य को लेकर शहरियों की उम्मीदें तोड़ रहे हैं। इसको लेकर रिफिनिटिव इप्सॉस ने पिछले महीने एक पखवाड़े का सर्वे कराया था। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों में जॉब, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी, फ्यूचर इनवेस्टमेंट को लेकर निराशा बढ़ी है। यह ऑनलाइन सर्वे 26 मार्च से 9 अप्रैल के बीच 16 से 64 साल की उम्र के लोगों के बीच कराया गया था। 

हालांकि दूसरे देशों के मुकाबले भारत के लोगों को ज्यादातर मोर्चे पर हालात बेहतर होने का भरोसा ज्यादा है। यहां के लोगों को इकोनॉमी के बेहतर होने का ज्यादा भरोसा है और ये बड़ी खरीदारी करने को लेकर ज्यादा कंफर्टेबल हैं। ये लोग जॉब सिक्योरिटी और भविष्य में होने वाले निवेश को लेकर ज्यादा उत्साहित हैं। यहां के लोगों को अगले छह महीनों में नौकरी जाने का डर दूसरे देशों के लोगों से कम है। 

कोविड की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। इससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। लोगों को रोजीरोटी का नुकसान हुआ है। पिछली लहर से उबर रहीं कंपनियां दूसरी लहर में फंस गई हैं। रोजगार, रोजमर्रा के खर्च, बचत और निवेश के अलावा इकोनॉमी को लेकर लोगों की उम्मीदें कमजोर हुई हैं।’ 

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