सरकार के राहत पैकेज से डिफॉल्ट करने का खतरा पिछले एक दशक में तेजी से घटा है

मुंबई-भारतीय फर्म के लिए डिफ़ॉल्ट करने का जोखिम पिछले एक दशक से भी अधिक समय में तेजी से घटा है। क्योंकि देश की सरकार ने महामारी से प्रभावित स्थानीय कंपनियों का हौसला बढ़ाने के लिए भारी राहत पैकेज दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मई में 20.97 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया। आरबीआई ने दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन के बाद संकट का सामना कर रही अर्थव्यवस्था की मदद के लिए बेंचमार्क रेपो रेट में 2000 के बाद से सबसे ज्यादा कटौती की।

लंदन में सन ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के निवेश सलाहकार के प्रमुख अजय मरवाहा ने कहा कि देर से ही सही, आर्थिक पैकेज महामारी के कारण संकट का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की एक बड़ी कोशिश थी। इससे वैश्विक निवेशकों को राहत मिली है और घरेलू फर्म के डिफ़ॉल्ट स्वैप को आसान बनाने सहित भारतीय परिसंपत्ति की कीमतों को बढ़ावा देने में मदद मिली है।

डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड ने एक रिपोर्ट में कहा कि मोदी सरकार द्वारा लगभग तीन महीने के लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे इसे खोलने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था मार्च 2021 के अंत तक फिर से पटरी पर लौट सकती है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक ने इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में कहा था कि निवेशकों को आर्थिक बुनियादी बातों के आधार पर भारत के लोन पर नकारात्मक रुख नहीं अपनाना चाहिए।

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