लोन देने वाले ऐप्स पर कसा शिकंजा, ईडी और सीआईडी ने शुरू की जांच
मुंबई- चीन से जुड़े लोन देने वाले ऐप्स या फिनटेक लैंडर्स पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। ऐसी करीब 2 दर्जन फिनटेक कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट्स (CID) ने जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा कई राज्यों की पुलिस भी जांच में शामिल हैं। ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्नैपईट लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश जैसी फिनटेक कंपनियों जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।
जांच एजेंसियों ने पेटीएम और रेजरपे जैसे पेमेंट गेटवे से इन फिनटेक कंपनियों के ट्रांजेक्शन और भुगतान पर रोक लगाने को कहा है। एक सूत्र के मुताबिक, रेजरपे और पेटीएम जैसे पेमेंट गेटवे इन कंपनियों के बल्क ट्रांजेक्शन में शामिल रहते हैं। जांच एजेंसियों ने इन पेमेंट गेटवे से संदिग्ध कंपनियों के अकाउंट खोलने का कारण भी पूछा है। इस मामले से वाकिफ एक अधिकारी का कहना है कि इसमें कुछ गड़बड़ है। पेमेंट गेटवे ज्यादा कैशफ्लो जेनरेट करने की जल्दबाजी में रहते हैं। इस कारण वे इन चाइनीज कंपनियों के अकाउंट खोलते हैं। इनको रुपयों का वास्तविक सोर्स पता करने के लिए नो-योर-कस्टमर (KYC) चेक करना होगा।
रेजरपे ने कहा कि इस मामले में रेजरपे के खिलाफ कोई कार्यवाही या जांच नहीं हो रही है। रेजरपे ने पिछले तीन महीने में 300 से 400 ऐप्स को बैन किया है। हालांकि, पेटीएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ED और CID ने जिन मनी लैंडिंग ऐप्स को स्क्रूटनी के लिए बुलाया है उसमें से 95% ऐप पेमेंट गेटवे के तौर पर रेजरपे का इस्तेमाल करते हैं।
इस मामले से वाकिफ एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें शिकायतों के आधार पर राज्यों के पुलिस विभागों से चीनी ऐप्स की एक लिस्ट मिली है। इसके अलावा इन ऐप्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ED भी जांच कर रही है। एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि रेजरपे ने इन कंपनियों को ऑनबोर्ड करते समय मर्चेंट KYC और ड्यू डिलिजेंस का पालन किया है या नहीं।