ICICI प्रूडेंशियल असेट अलोकेटर फंड का रिटर्न 15 पर्सेंट से ज्यादा, 10 हजार करोड़ हुआ AUM
मुंबई– म्यूचुअल फंड उद्योग में असेट अलोकेटर फंड तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज 2 साल में ही ICICI प्रूडेंशियल असेट अलोकेटर फंड म्यूचुअल फंड उद्योग में सबसे तेजी से बढ़ते फंड के रूप में उभरा है। इसके असेट अलोकेटर का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 10 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
यह मूलरूप से फंड्स ऑफ फंड्स (FOF) है। यह स्कीम इक्विटी, डेट और गोल्ड ओरिएंटेड ईटीएफ/स्कीम्स में निवेश करती है। इसका उद्देश्य सही समय पर सही असेट क्लास के लिए सही आवंटन करना है। फंड प्रबंधकों को सही निर्णय लेने में सहायता करना है। इसमें इक्विटी और डेट स्कीम्स में 0 से 100% तक निवेश कर सकते हैं। यह इन-हाउस वैल्यूएशन मॉडल का इस्तेमाल करता है। यह भावनाओं को एक तरफ रख कर निवेश का फैसला करता है। हालांकि सही आवंटन न सिर्फ इक्विटी मार्केट वैल्यूएशन पर निर्भर करता है बल्कि डेट मार्केट में मिलने वाले मौकों पर भी निर्भर करता है।
फरवरी 2019 में इस फंड का AUM लगभग 18 करोड़ रुपए था। 31 दिसंबर, 2020 तक यह बढ़ कर 10,000 करोड़ रुपए हो गया। ऐसी स्कीम में निवेश करते समय इस बात को लेकर आश्वस्त हुआ जा सकता है कि सभी असेट क्लास द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों को उसके कार्पस के अनुसार कई असेट क्लास में बांटा जाएगा। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट अलोकेटर फंड डायनॉमिक असेट अलोकेशन का पालन करता है। यह फंड सस्ते पर खरीदने और महंगे पर बेचने की रणनीति अपनाता है।
बाजार की तेजी में यह इक्विटी एक्सपोजर को कम करता है। उदाहरण के लिए कोरोना की शुरुआत के दौरान इक्विटी का मूल्यांकन महंगा था। उस समय फंड का इक्विटी में 36% अलोकेशन था। इससे यह हुआ कि मार्च 2020 में बाजार जब गिरा तो निवेशकों को काफी हद तक उस गिरावट से सुरक्षित रखा गया। दूसरी ओर करेक्शन के बाद वैल्यूएशन में जैसे ही सुधार हुआ, इस डायनामिक अलोकेशन ने यह सुनिश्चित किया कि निवेशकों को बाजार में लाभ कमाने का अवसर मिल सकता है। आज जब बाजार नई ऊंचाई पर हैं, तो इस स्कीम का इक्विटी में एक्सपोजर 44.6% है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट अलोकेशन फंड अपनी श्रेणी में एक लगातार अच्छा परफॉर्मेंस देने वाला फंड रहा है। 11 जनवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक, इक्विटी में इसका एक साल का रिटर्न 15.4% रहा है। जबकि इस फंड की कैटेगरी का रिटर्न 12.8% रहा है। दो साल में फंड ने 12.7% रिटर्न्स दिया है जबकि कैटेगरी का रिटर्न 10.8% है। विश्लेषक कहते हैं कि असेट क्लास के बीच आवंटन का अच्छा बदलाव हो सकता है। इस प्रकार रिटेल निवेशकों के लिए एक आसान निवेश का रास्ता हो सकता है।