वित्तमंत्री ने जीएसटी अधिकारियों से कहा-घरेलू बिजनेस की दिक्कतों को दूर करने के लिए तैयार रहें

मुंबई- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी अधिकारियों से कहा कि वे घरेलू व्यवसायों के सामने आने वाली दिक्कतों के बारे में तैयार रहें। उनका सक्रियता से समाधान करें,ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकें।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तीसरी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में कहा कि टैक्स भरनेवालों खासकर एमएसएमई के लिए कंप्लायंस को और आसान बनाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर टैक्स, विशेष रूप से जीएसटी के लिए प्रशासन की बड़ी भूमिका होगी। “हमें अपने व्यापार समुदाय के सामने आने वाली दिक्कतों के बारे में तैयार रहना चाहिए। उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने के लिए सक्रिय रूप से इसका समाधान करना चाहिए।

उन्होंने जीएसटी दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि केवल इस तरह की सक्रियता से हम निकट भविष्य में बहुत जरूरी आर्थिक विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। बता दें कि जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को पेश किया गया था। तब से इसकी प्रक्रिया को समय-समय पर आसान बनाया गया है। रिटर्न फाइलिंग को भी विशेष रूप से छोटे व्यवसायों के लिए आसान बना दिया गया है। इसमें एक दर्जन से अधिक टैक्स को शामिल किया गया है।

उन्होंने इस महत्वपूर्ण समय के दौरान टैक्स देने वालों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर खड़े होने की बात कही। एक ट्वीट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों ने किसानों को खरीफ के दौरान बुवाई जरूरतों को पूरा करने के लिए 62,870 करोड़ रुपए की कर्ज सीमा के साथ 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं। उनके मुताबिक 30 जून तक आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कुल 2 लाख करोड़ रुपए के सस्ते कर्ज के तहत यह राशि बांटी गई है। सरकार ने मई में मछुआरों और पशुपालन उद्योग से जुड़े कृषि समेत 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 2 लाख करोड़ रुपए का रियायती कर्ज देने की घोषणा की थी।

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