रिटर्न देने में ब्लूचिप शेयरों से इस साल पिछड़ गए मिड और स्मॉलकैप जैसे शेयर
मुंबई- बीएसई सेंसेक्स के इस पूरे कैलेंडर साल में 9 फीसदी का फायदा देने के बीच मिड और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को निराश किया है। हालांकि, ब्लूचिप यानी बड़े शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया है। विश्लेषकों के मुताबिक, मिड और स्मॉलकैप शेयरों में इसलिए कम फायदा मिला, क्योंकि 2023 और 2024 में इन दोनों ने बहुत ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया था।
विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉलर की तुलना में रुपये में भारी गिरावट, अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता को लेकर चिंताओं और लगातार विदेशी निधियों की निकासी ने भी बाजार में जोखिम से बचने की योजना को बढ़ावा देने में मदद की। विशेषज्ञों का मानना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों का दृष्टिकोण सतर्कतापूर्वक आशावादी बना हुआ है। जैसे-जैसे मूल्यांकन कम होगा और आय की स्पष्टता में सुधार होगा, भारत की स्थिर अर्थव्यवस्था वृद्धि और मजबूत घरेलू तरलता के समर्थन से चुनिंदा अवसर उभरेंगे।
मिडकैप से सिर्फ 0.77 फीसदी रिटर्न, स्मॉलकैप से घाटा
24 दिसंबर तक बीएसई मिडकैप सूचकांक में सिर्फ 360.25 अंकों या 0.77 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 3,687 अंकों या 6.68 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स 7,269.69 अंकों या 9.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ है।
2024 में 29 फीसदी से अधिक फायदा
2024 में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक ने 29 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया। मिडकैप सूचकांक में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस तरह की तेजी ने मूल्यांकन को उच्च स्तर पर पहुंचा दिया, खासकर छोटी कंपनियों में जहां आय वृद्धि मूल्य वृद्धि के साथ तालमेल नहीं रख पाई। दोनों का प्रदर्शन सेंसेक्स से काफी बेहतर था। वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशकों ने मजबूत खाताबही और स्थिर आय अनुमान वाली लार्जकैप कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया। फंडिंग लागत, मार्जिन दबाव और आर्थिक मंदी के प्रति अधिक संवेदनशील रहने वाली स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों को अधिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा।
स्थानीय निवेशकों का लक्ष्य छोटे शेयरों पर
छोटे शेयरों को आम तौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं। विदेशी निवेशक ब्लू-चिप या बड़ी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जब बाजार में समय के साथ बदलाव होता है, जैसा कि सितंबर, 2024 से हो रहा है, तो छोटे और मिडकैप शेयरों का प्रदर्शन आमतौर पर कम रहता है। इस लिहाज से इस वर्ष सेंसेक्स और निफ्टी की तुलना में छोटे और मिडकैप शेयरों का कम प्रदर्शन आश्चर्यजनक नहीं है।
ऐसा रहा स्मॉल और मिडकैप का प्रदर्शन
बीएसई मिडकैप सूचकांक ने इस वर्ष 18 नवंबर को 47,549 का 52 सप्ताह का उच्च स्तर छुआ। पिछले साल 24 सितंबर को 49,701 के स्तर को छुआ था। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 3 जनवरी, 2025 को एक साल के शीर्ष स्तर 56,497 पर पहुंच गया। 7 अप्रैल को यह गिरकर 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर 41,013 पर आ गया।

