नौकरियों की मांग आईटी सेक्टर में इस साल 16 फीसदी बढ़कर 18 लाख के पार पहुंची
मुंबई- कंपनियों के नए वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने और उभरती प्रौद्योगिकी प्रतिभाओं की बढ़ती मांग से देश में आईटी क्षेत्र में तेजी से भर्तियां बढ़ रही हैं। क्वेस कॉर्प की जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में आईटी नौकरियों की कुल मांग 18 लाख पदों तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की तुलना में 16 फीसदी अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, आधे से अधिक भर्तियां उभरती डिजिटल क्षमताओं पर केंद्रित थीं। हालांकि, पारंपरिक तकनीकी कौशल कुल मांग के 10 फीसदी से भी कम थे। इनमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। जीसीसी ने घरेलू आईटी भर्ती बाजार में अपनी हिस्सेदारी को 2025 में बढ़ाकर कुल मांग का लगभग 27 फीसदी कर दिया, जो पिछले वर्ष लगभग 15 फीसदी थी। उत्पाद और सास फर्मों ने भी चुनिंदा रूप से भर्तियां बढ़ाईं। आईटी सेवाओं और कंसल्टिंग में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, फंडिंग में कमी के चलते स्टार्टअप्स में भर्तियां घटकर एक अंक में आ गईं।
रिपोर्ट में कहा गया है, कुल मिलाकर, भर्ती की मांग उत्पादकता के लिए तैयार प्रतिभाओं की ओर ज्यादा रही। इसमें 4 से 10 वर्ष के अनुभव की भर्तियां कुल भर्तियों का 65 फीसदी हिस्सा रही। 2024 में यह 50 फीसदी थी। प्रवेश स्तर पर भर्तियां कुल मांग का 15 फीसदी थीं। भर्तियों की पद्धति से पता चलता है कि सभी पदों पर अनुभवी पेशेवरों को प्राथमिकता दी जा रही है।
टेक्नोलॉजी वालों के वेतन में ज्यादा वृद्धि
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड इंजीनियरिंग और साइबर सुरक्षा कौशल की मांग पारंपरिक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पदों की तुलना में काफी तेजी से बढ़ी। इस साल अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी से संबंधित पदों में वेतन वृद्धि सबसे अधिक देखी गई। जेनरेटिव एआई विशेषज्ञ एआई एथिक्स और गवर्नेंस लीड, फिनऑप्स पेशेवर, साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विश्लेषक और प्लेटफॉर्म इंजीनियरिंग आर्किटेक्ट जैसे पदों के वेतन में 10 फीसदी से 40 फीसदी तक की वृद्धि हुई।
बड़े शहरों में ज्यादा भर्तियां
आईटी क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया मुख्य रूप से टियर-1 शहरों में केंद्रित रही। यह 2025 में कुल मांग का 88-90 फीसदी थी। साथ ही, भर्ती में लगने वाला औसत समय बढ़कर 45-60 दिन हो गया, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और अधिक कठोर मूल्यांकन प्रक्रियाओं को दर्शाता है। एआई और मशीन लर्निंग साइबर सुरक्षा जैसी विशिष्ट कौशलों के लिए भर्ती की समय सीमा और भी बढ़कर 75-90 दिन हो गई। एआई, क्लाउड और साइबर सुरक्षा कौशलों में विशेष रूप से मजबूत रुचि देखी गई, जो भारत में बन रही भूमिकाओं की बढ़ती जटिलता को इंगित करता है।

