महंगाई के पूर्वानुमान किसी विशेष तरीके से पक्षपाती नहीं : आरबीआई
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक के महंगाई के पूर्वानुमान में कोई व्यवस्थित पूर्वाग्रह नहीं है। यह किसी विशेष तरीके से पक्षपाती नहीं है। केंद्रीय बैंक की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने एक कार्यक्रम में कहा, केंद्रीय बैंक अपने मुद्रास्फीति पूर्वानुमानों पर पहुंचने के लिए विभिन्न मॉडलों और विशेषज्ञ चर्चाओं का उपयोग करता है। अनुमानों का गलत होना एक वैश्विक घटना है।
गुप्ता ने कहा, मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को लेकर चिंताएं संख्या के अति-अनुमान से उत्पन्न होती हैं। इसके बारे में आलोचकों का तर्क है कि इसी वजह से आरबीआई पिछले कुछ महीनों में दरों में और कटौती नहीं कर पाया। केंद्रीय बैंक भुगतान संतुलन के आंकड़े मासिक आधार पर जारी करने पर भी विचार हो रहा है। अभी यह तिमाही आधार पर जारी होता है। ब्याज दरों में कटौती अर्थव्यवस्था के लिए मददगार होती और संभवतः अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव कम होता।
गुप्ता ने कहा, हर अनुमान में पूर्वानुमान त्रुटियों का जोखिम होता है। ऐसा कोई भी पूर्वानुमानकर्ता नहीं है जो हर बार सही हो। उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) पर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आगामी संशोधन भारतीय रिजर्व बैंक के लिए मददगार होंगे।

