आरबीआई का निर्देश: बिना दावे वाली रकम जल्द मालिकों तक पहुंचाएं
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि बिना दावे वाली जमा राशियों को उनके सही मालिकों तक पहुँचाने के प्रयास तेज किए जाएं। बैंकों के पास 67,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पड़ी है, जिसका कोई दावा नहीं कर रहा है। इसमें निष्क्रिय बचत और चालू खाते, परिपक्व सावधि जमा, बिना दावे वाले लाभांश, ब्याज वारंट और बीमा आय शामिल हैं।
आरबीआई ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अक्टूबर से दिसंबर तक एक विशेष पहल की योजना बनाई है, ताकि निष्क्रिय खातों के मालिकों का पता लगाया जा सके और उनका निपटान किया जा सके। दस वर्षों तक निष्क्रिय रहने वाले बचत और चालू खातों, या परिपक्वता के दस वर्षों तक दावा न किए गए एफडी को बिना दावे वाला जमा माना जाएगा। इसके बाद बैंक यह रकम RBI के DEA कोष में ट्रांसफर करते हैं।
बैंकों और बीमा कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश
- राज्य स्तरीय बैंक समितियां (SLBC) बिना दावे वाली रकम के आंकड़ों का विश्लेषण करेंगी और इसे मालिकों तक पहुँचाने के प्रयास को मॉनिटर करेंगी।
- RBI का उदगम पोर्टल भी इस तरह की रकम का पता लगाने में मदद करेगा। 30 प्रमुख बैंकों की इस पोर्टल में भागीदारी है, और 90 प्रतिशत बिना दावे वाली रकम इन्हीं बैंकों में है।
- बीमा क्षेत्र में भी IRDAI ने निर्देश दिए हैं कि 10 वर्षों तक दावा न किए गए पॉलिसीधारकों की राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर किया जाए। इसके बावजूद दावेदार 25 वर्ष तक अपनी पॉलिसी के तहत देय राशि का दावा करने के पात्र बने रहेंगे।
यह पहल न केवल बिना दावे वाली रकम को सही मालिक तक पहुँचाने में मदद करेगी, बल्कि वित्तीय पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाने का भी काम करेगी।