जीएसटी अधिकारियों की मनमानी पर अब कसेगी नकेल, जल्द शुरू होगी सुनवाई
मुंबई- वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी अधिकारियों की मनमानी पर अब नकेल कसेगी। सरकार ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) को पूरी तरह चलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। न्यायाधिकरण की विभिन्न पीठों के लिए तकनीकी और न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति हो गई है। इसलिए अब किसी भी करदाता की शिकायत इस न्यायाधिकरण में सुनी जा सकेगी।
सरकार ने मई, 2024 में सेवानिवृत्त जज संजय कुमार मिश्रा को जीएसटीएटी की प्रधान पीठ का अध्यक्ष नियुक्त किया था। अब सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज मयंक कुमार जैन को पीठ का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया है। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ए वेणु प्रसाद और सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता क्रमशः जीएसटीएटी, प्रधान पीठ, नई दिल्ली के तकनीकी सदस्य (राज्य) और तकनीकी सदस्य (केंद्र) होंगे।
जीएसटीएटी को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के लिए राज्यों को भी अपनी राज्य पीठों में तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी। इससे विवादों के तुरंत निपटान में मदद मिलेगी। सरकार ने जीएसटीएटी की 31 राज्य पीठों को पहले ही अधिसूचित कर कुल 31 तकनीकी और 52 न्यायिक सदस्य नियुक्त किए हैं। केवल कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र/गोवा ने ही जीएसटीएटी में तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें भेजी हैं।
अभी जीएसटीएटी के अभाव में करदाता और जीएसटी विभाग के बीच सभी विवाद हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चले जाते हैं, जहां उन्हें सुलझाने में बहुत समय लगता है। राजस्व विभाग ने स्थायी समिति को सौंपी कार्रवाई रिपोर्ट में आश्वासन दिया है कि जीएसटीएटी पीठ मामलों की सुनवाई बहुत जल्द शुरू करेंगी।

