11 सरकारी बैंकों ने 5 साल में ग्राहकों से 9,000 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली
मुंबई- देश के 11 सरकारी बैंकों ने बीते 5 साल में सेविंग अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये की पेनल्टी वसूली है। कुछ सरकारी बैंकों ने खाते में मासिक न्यूनतम राशि न रखने पर ग्राहकों से पेनल्टी वसूली, जबकि कुछ ने तिमाही आधार पर इसकी वसूली की।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने बैंकों को सलाह दी है कि वे मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) न रखने पर वसूली जाने वाली पेनल्टी को तर्कसंगत बनाएं। इसमें खास तौर पर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों को राहत देने पर जोर दिया गया है। ऐसा लगता है 11 सरकारी बैंकों में से 7 ने ही इस सलाह का पालन किया है। अन्य 4 बैंकों ने भी जल्द ऐसा करने की बात कही है। लेकिन कई निजी बैंक ऐसा नहीं कर रहे।
RBI गाइडलाइन के तहत, बैंक अपनी बोर्ड से मंजूर नीतियों के हिसाब से पेनल्टी तय कर सकते हैं। लेकिन यह जुर्माना वास्तविक बैलेंस और खाते खोलते समय सहमत न्यूनतम बैलेंस के बीच के अंतर पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में होना चाहिए।