एलआईसी के इक्विटी निवेश का पोर्टफोलियो 15.5 लाख करोड़ रुपये के पार
मुंबई- एलआईसी देश की सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक भी है। उसके पास 15.5 लाख करोड़ रुपये का इक्विटी पोर्टफोलियो है। जून तिमाही में एलआईसी ने 81 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी लेकिन सरकारी डिफेंस कंपनियों में जमकर पैसा लगाया। LIC का डिफेंस सेक्टर पर ध्यान देना एक बड़ा बदलाव है। पिछले छह महीनों में निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 34% बढ़ा है। इस दौरान सरकारी डिफेंस कंपनी GRSE के शेयरों में 71% की बढ़त हुई है।
एलआईसी ने जून तिमाही में कुछ लोकप्रिय शेयरों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। इनमें सुजलॉन एनर्जी, रिलायंस पावर और वेदांता शामिल हैं। ये शेयर छोटे निवेशकों के पसंदीदा रहे हैं। हालांकि हाल में इनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में अब 277 स्टॉक हैं। एलआईसी ने कुछ नई कंपनियों में निवेश किया है। कंपनी ने मझगांव डॉप शिपबिल्डर्स में 3.27% हिस्सेदारी खरीदी है। इसकी कीमत 3,857 करोड़ रुपये है।
एलआईसी ने साथ ही कुछ पुरानी डिफेंस कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने कोचीन शिपयार्ड में अपनी हिस्सेदारी 13 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 3.05% कर दी है। इसी तरह भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में एलआईसी की हिस्सेदारी 10 बेसिस पॉइंट बढ़कर 1.99% हो गई है। इसी तरह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में उसकी हिस्सेदारी 5 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 2.77% पहुंच गई है। डिफेंस स्टॉक हाल में चर्चा में रहे हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद डिफेंस पर खर्च बढ़ा दिया है। पश्चिमी देशों के डिफेंस ब्लॉक नैटो ने भी डिफेंस पर खर्च बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
जून तिमाही में एलआईसी ने टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस कंपनियों में भी निवेश बढ़ाया है। कंपनी ने इन्फोसिस में अपनी हिस्सेदारी 43 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 10.88% कर दी है। इसी तरह एचसीएल टेक में एलआईसी की हिस्सेदारी 48 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 5.31% हो गई है। कंपनी ने साथ ही मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में भी अपनी हिस्सेदारी 55 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.68% कर दी है। टाटा मोटर्स में उसकी हिस्सेदारी 74 बेसिस पॉइंट की बढ़त के साथ 3.89% पहुंच गई है।