17 म्यूचुअल फंड की 43 डेट स्कीमों में एम्फी की तय सीमा से ज्यादा तनाव
मुंबई- तेजी से बढ़ रहे म्यूचुअल फंड में सब कुछ ठीक नहीं है। आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि अप्रैल में 17 म्यूचुअल फंड कंपनियों की 43 डेट स्कीमों में एम्फी की तय सीमा से ज्यादा तनाव देखा गया है। इन सभी का प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां यानी एयूएम 2.25 लाख करोड़ से ज्यादा है। हालांकि, इस तनाव का मतलब यह नहीं है कि निवेशकों के ये पैसे डूब जाएंगे या कोई खतरा है।
दरअसल, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) हर महीने फंड हाउसों की ओपन एंडेड डेट योजनाओं में आने वाले तनाव का परीक्षण करता है। यह परीक्षण कई सारे पैमाने पर होता है जिसमें तरलता से लेकर निवेश और अन्य कई सारे मुद्दे होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट में इसी परीक्षण के हवाले से कहा गया है कि अप्रैल में 17 म्यूचुअल फंड की 43 डेट स्कीमों में यह तनाव का असर देखा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 फंड हाउसों की 269 स्कीमों में एम्फी की तय सीमा से कम तनाव देखा गया है। इनका एयूएम 14.58 लाख करोड़ रुपये है। इस तरह से कुल 48 स्कीमों की 312 योजनाओं का परीक्षण किया गया, जिनका कुल एयूएम 16.84 लाख करोड़ रुपये था। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अनिवार्य किया है कि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को हर महीने सभी ओपन एंडेड डेट योजनाओं का तनाव परीक्षण करना चाहिए ताकि ऐसी योजनाओं से संबंधित विभिन्न जोखिम मापदंडों (जैसे ब्याज दर जोखिम, क्रेडिट जोखिम, तरलता जोखिम) के उनके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्यों (एनएवी) पर प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सके।
इस तरह के तनाव जब सीमा से ऊपर होते हैं तो इसके लिए संबंधित फंड मैनेजर को एक महीने का समय दिया जाता है, जिसमें इस पर सुधार करना होता है। अगर फंड मैनेजर यह नहीं कर पाता है तो यह मामला निवेश कमिटी के पास जाता है। अगर वहां भी यह नहीं सुधर पाया तो फिर से ट्रस्टी बोर्ड के पास भेज दिया जाता है। एम्फी ने तरलता को लेकर भी एक तय सीमा बनाई है और इस सीमा के ऊपर तरलता अनुपातों को रखना जरूरी है।

