शेयर बाजार में लिस्ट होने वाले हर बड़े आईपीओ ने दिया घाटा, एचडीबी पर नजर
मुंबई-शेयर मार्केट में HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का आईपीओ शेयर बाजार में लिस्ट हुआ। लिस्टिंग पर इसने निवेशकों को मुनाफा भी दिया। इसका इश्यू साइज 12 हजार करोड़ रुपये का था। लेकिन भारत में बड़े आईपीओ का बाजार निवेशकों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है? ऐसे में HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ के भविष्य पर भी सवाल उठ सकते हैं।
पिछले आठ आईपीओ जिनका इश्यू साइज 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा था, उनमें से 6 ने निवेशकों को भारी नुकसान दिया है। लिस्टिंग के छह महीने के अंदर ही उनका औसत रिटर्न 20% नेगेटिव रहा। एक साल में यह नुकसान और भी बढ़कर 25% हो गया। सिर्फ एसबीआई कार्ड्स ही ऐसा था जिसने पॉजिटिव रिटर्न दिया।
इस बर्बादी का असर अलग-अलग सेक्टरों में देखने को मिला है। पेटीएम छह महीने में 62% और एक साल में 65% तक गिर गया। वहीं, रिलायंस पावर 52% और 71% तक नीचे चला गया। एलआईसी जैसी बड़ी बीमा कंपनी भी छह महीने में 24% और 12 महीनों में 35% तक गिर गई। हुंडई मोटर का आईपीओ अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ रहा। इसमें भी 6 महीने में 7 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा स्विगी का आईपीओ 30 फीसदी गिर चुका है।
बड़े आईपीओ में सिर्फ दो ही पिछले 6 महीने में फायदे में दिखाई दे रहे हैं। इनमें कोल इंडिया और एसबीआई कार्ड्स शामिल हैं। कोल इंडिया का इश्यू साइज करीब 15,199 करोड़ रुपये और एसबीआई कार्ड्स का 10,355 करोड़ रुपये था। पिछले 6 महीने में कोल इंडिया के शेयर में 8 फीसदी और एसबीआई कार्ड्स के शेयर में 26 फीसदी की तेजी आई है।
बड़े IPO का रेकॉर्ड डरावना है। आप 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाते हैं, तो आप बाजार से बहुत ज्यादा पैसा लेने के लिए कह रहे होते हैं। इतिहास बताता है कि इसका नतीजा अच्छा नहीं होता। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने शुरुआत में लोगों की शंकाओं को गलत साबित कर दिया। यह अपने इश्यू प्राइस से 13% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ और बीएसई पर 850.45 रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। यह बंद भी बढ़त के साथ हुआ।

