वेदांता के तूतीकोरिन का निरीक्षण करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

मुंबई– सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड की उस अंतरिम याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने तूतीकोरिन प्लांट के निरीक्षण की मांग की थी। प्रदूषण की चिंताओं को लेकर मई 2008 से यह बंद पड़ा है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता ने अपनी स्टरलाइट कॉपर यूनिट का निरीक्षण करने और प्रदूषण के स्तर का आंकलन करने के लिए इसे चार हफ्ते तक संचालित करने की अनुमति मांगी थी।  

वेदांता ने यह कहते हुए तीन महीने के लिए प्लांट को सौंपने की मांग की थी कि यूनिट शुरू करने के लिए दो महीने की जरूरत है। कंपनी को इसे चार हफ्ते तक चलाने की इजाजत दी जानी चाहिए। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि यह प्रदूषणकारी है या नहीं।  

वेदांता की अंतरिम याचिका का तमिलनाडु सरकार ने विरोध किया था। इस याचिका में जज आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दावा किया था कि यह संयंत्र लगातार प्रदूषण फैला रहा है। वेदांता की ओर से पेश वकील ए एम सिंघवी ने शीर्ष अदालत को बताया कि यह प्लांट के दुर्भावनापूर्ण बंद होने का मामला है। वेदांता देश की 36 प्रतिशत तांबे की मांग का उत्पादन कर रही है।  

सिंघवी ने पीठ से कहा कि हमें चार हफ्ते तक प्लांट चलाने की अनुमति दें और यह साबित किया जा सकता है कि क्या हम एक सीमा से कम प्रदूषण फैला रहे हैं। प्लांट के पास रहने वाले कुछ ग्रामीणों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्विस ने दावा किया कि यूनिट को काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वहां पानी दूषित हो रहा है और लोग कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। 

बेंच ने हालांकि यह कहा कि वेदांता की याचिका पर अंतिम सुनवाई तब होगी, जब कोर्ट की फिजिकल सुनवाई शुरू होगी। अगस्त में वेदांता ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट ने तूतीकोरिन प्लांट को फिर से खोलने की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मई 2018 में दिए गए निर्देश को ही आगे जारी रखने को कहा था। पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इसे बंद रखने का आदेश दिया था।  

सिंघवी ने कहा कि 1994 में वेदांता को इसके लिए मंजूरी मिली थी और 1997 में इसे शुरू किया गया था। इसके जरिए 4 हजार लोगों को नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि पोल्यूशन बोर्ड ने जो 30 सिफारिशें की थी उसमें से 29 सिफारिशें पूरी हैं। हालांकि इस प्लांट को फिर से खोलने की 8 मांगों को कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है।  

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