एफडी पर ज्यादा ब्याज और लोन पर कम ब्याज का इस तरह उठा सकते हैं फायदा

आरबीआई ने इस बार रेपो दर में 0.50 फीसदी की कटौती कर चौंका दिया है। दर में इस कमी का फायदा सभी तरह का कर्ज लेने वालों को तो होगा, लेकिन बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी कराने वालों के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। ऐसे में आप लोन लेना चाहते हैं या फिर बैंकों में एफडी कराना चाहते हैं, दोनों में फायदा उठाने का यह सही समय है।

होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या किसी भी तरह का कर्ज लेने की योजना है तो अभी कुछ समय के लिए टाल दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि रेपो दर में कटौती का लाभ मिलने में समय लग सकता है। इसका असर सितंबर से दिखेगा। बैंक इस समय दो तरह से कर्ज देते हैं। एक होता है ईबीएलआर जो बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा होता है। दूसरा होता है एमसीएलआर, जो लंबी अवधि की दरों से जुड़ा होता है। फरवरी और अप्रैल में 0.50 फीसदी की रेपो दर में जो कटौती हुई थी, उसका फायदा अब दोनों तरह के ग्राहकों को मिलने लगा है।

ईबीएलआर वह तरीका है जिसमें आरबीआई के फैसले के बाद तुरंत असर दिखने लगता है। आपका कर्ज ईबीएलआर से जुड़ा है तो रेपो दर में कटौती का तुरंत फायदा मिलता है। इस समय कुल लोन में से 60.2 फीसदी कर्ज ईबीएलआर से जुड़ा है। इसलिए इस कटौती का फायदा उनको जल्दी मिलेगा। 35.9 फीसदी लोन एमसीएलआर से जुड़े हैं। इनको कुछ अंतराल के बाद रेपो दर में कटौती का फायदा मिलेगा। एसबीआई की रिपोर्ट कहती है कि हालिया कटौती का 0.30 फीसदी फायदा लोन लेने वाले ग्राहकों को तुरंत मिल जाएगा।

आरबीआई के फैसले के बाद कुछ बैंकों ने तुरंत कर्ज पर ब्याज दरें घटा दी है। हालांकि, ज्यादातर बैंक इसका फैसला लेने के लिए अपनी एसेट-लायबिलिटी यानी संपत्ति और देनदारी समिति की बैठक करेंगे। इसमें दोनों पक्षों पर पूरी तरह से सोच विचार कर दरों में कटौती का फैसला किया जाएगा। यह सब फैसला इस महीने के अंत में होगा। ऐसे में इसका वास्तविक असर जुलाई या अगस्त से दिखना शुरू होगा। आप अभी लोन लेने वाले हैं तो बेहतर होगा कि जुलाई के बाद लें। तब तक सभी बैंकों की ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस जैसे अन्य मामलों पर बैंकों के साथ मोल भाव करने का समय मिल जाएगा।

आप का इस समय कोई कर्ज चल रहा है तो बेहतर होगा कि अभी से बैंक के साथ बातचीत करें। देखें कि वह कर्ज पर कितना ब्याज घटाता है। अगर रेपो दर कटौती की तुलना में कम दर घटा रहा है तो लोन किसी और बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन यह करने से पहले संबंधित बैंक के साथ मोल भाव करें। उसके अन्य शुल्क जैसे प्रोसेसिंग फीस आदि को भी देखें। अभी जो बैंक लोन की ब्याज दरें घटा रहे हैं वह जुलाई की किस्त में दिखेगा। क्योंकि जून की किस्त करीब-करीब कट चुकी होगी। ऐसे में इस महीने के अंत में बैंकों के साथ मोल भाव करके लोन की ब्याज दर कम करा सकते हैं। इस मोल भाव में फरवरी से लेकर अब तक की एक फीसदी की कटौती पर बात करें।

फ्लोटिंग लोन लिया है या फिक्स्ड, दोनों में लाभ ले सकते हैं। लोन फ्लोटिंग दर पर है तो बैंक इसका फायदा देगा। इसलिए बैंक के साथ किस्त कम कराने के बजाय किस्त की अवधि कम कराएं। इसमें ज्यादा फायदा मिलता है। लोन फिक्स्ड दर पर है तो बैंक से बात करें या फिर इस लोन को दूसरे बैंक में फ्लोटिंग पर ट्रांसफर करें।

आप बैंक एफडी करने के इच्छुक हैं या पहले से कर रहे हैं तो यह सबसे सही मौका है। लोन की तरह ही बैंक एफडी की दरें तेजी से घटेंगीं। ऐसे में आगे चलकर एफडी पर एक फीसदी कम ब्याज मिलेगा। यानी एक लाख के एफडी पर साल में 1,000 रुपये का घाटा होगा। पहले का एफडी अभी मैच्योर हो रहा है तो उसको फिर से कर सकते हैं। अभी बहुत सारे बैंक एफडी पर 8 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं। फरवरी और अप्रैल में जो रेपो दर घटी थी, उस आधार पर अभी तक एफडी की दरें केवल 0.30 से 0.70 फीसदी घटी हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि बैंकों के पास नकदी की कमी थी। अब आरबीआई ने 2.5 लाख करोड़ की नकदी की सुविधा भी दे दी। ऐसे में एफडी ब्याज पर एक फीसदी की कमी हो सकती है। फरवरी से इसे देखेंगे तो आपके जमा पर 1.5 फीसदी का असर हो सकता है।

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